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हर्षोल्लास से मनाया जा रहा भैयादूज

समाचार इंडिया/देहरादून। भाई-बहन के प्रेम का पर्व भाई दूज  प्रदेशभर में आज  पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ धूमधाम से मनाया जा रहा है। भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्योहार भैया दूज आज पूरे प्रदेशभर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर बहनों ने अपने भाई  को तिलक लगाया और उन्हें सूखा नारियल देकर उनकी सुख-समृद्धि खुशहाली , दीर्घायु ,रक्षा और उन्नति की कामना की । देहरादून, पौड़ी, सतपुली, एकेश्वर, कोटद्वार, ऋषिकेश, हरिद्वार, आदि स्थानों में  त्योहार को लेकर उत्सुकता बनी रही । भाई दूज को यम द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष भाई दूज शुभ संयोग में मनाया जा रहा है। कार्तिक शुक्ल द्वितीय तिथि  26 अक्टूबर दोपहर 2 बजकर 42 से  शुरू हुई जो  27 अक्टूबर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।  ज्योतिषचार्यों के अनुसार इस बार भाई दूज पर तीन शुभ योग बन रहे हैं। भाई दूज पर सर्वार्थ सिद्धि योग 27 अक्टूबर यानि आज  दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से 28 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 30 मिनट तक रहेगा ।

पौराणिक कथा और भैयादूज

पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्य भगवान की पत्नी का नाम छाया था. यमराज तथा यमुना आपस में भाई बहन थे, यमुना और यमराज से बड़ा ही स्नेह करती थी। वह यमराज से हमेशा निवेदन करती कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करें। अपने कार्य में व्यस्त यमराज बात को टालते रहे. फिर कार्तिक शुक्ला का दिन आया. यमुना ने उस दिन फिर यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण देकर उसे अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया। यमराज ने सोचा, ”मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं, मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता। बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है।  बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने स्नान कर पूजन करके व्यंजन परोसकर भोजन कराया. यमुना के सत्कार से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन से वर मांगने के लिए कहा. बहन यमुना ने कहा कि इसी तरह प्रतिवर्ष मेरे घर आया करो। यमराज ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि जो आज के दिन बहन भाई का सत्कार करते हैं, उसे यम का भय नहीं रहता है और उसी दिन से भैया दूज पर्व का शुभारंभ हो गया।

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