पाकिस्तानी हिंदुओं का जत्था पहुंचा हरिद्वार
समाचार इंडिया/देहरादून। आस्था और धर्म किसी सरहदों मैं नहीं बटता और इसका उदाहरण है हरिद्वार में आए पाकिस्तानी हिंदुओं का जत्था, पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं के लिए हरिद्वार विशेष महत्व रखता है। इस लिए हर वर्ष पाकिस्तानी हिन्दुओ के कई जत्थे यंहा पँहुच कर शदाणी दरबार मे अपनी अरदास पूरी कर मत्था टेकते है इस बार भी 223 से ज्यादा पाकिस्तानी हिन्दू यंहा पँहुचे है। हरिद्वार पँहुचते ही इन लोगो की ख़ुशी देखते ही बनती है। इन पाकिस्तानी यात्रियों की यह धार्मिक यात्रा होती है इस बार भी इन्होंने धर्म नगरी हरिद्वार पहुंचने से पहले अयोध्या पहुंचकर भगवान राम के दर्शन किए और वहां पर दोनों देशों में अमन चैन बना रहे इसकी प्रार्थना की वहीं धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचने पर हरिद्वार के स्थानीय लोगों ने इनको माला पहनकर सभी का स्वागत भी किया। आपसी एकता का संदेश देने वाली यह एक धार्मिक यात्रा होती है और इस यात्रा में हर वर्ष पाकिस्तान से सैकड़ों हिंदू जत्थे के रूप में पूरे भारत में धार्मिक यात्राएं करते हैं और हर वर्ष पाकिस्तानियों का जत्था हरिद्वार आकर हिंदू रीति रिवाज से मां गंगा और तमाम मंदिरों के दर्शन करते हैं इन पाकिस्तानी हिन्दुओ का कहना है हमारा 223 लोगों का जड़ा आया हुआ है और हम पहले गए अमरावती वहां हमने यशोदा के दर्शन किए उसके बाद हम छत्तीसगढ़ गए जहां पर हमारा सदानी दरबार का मूल दरबार है फिर हम गए प्रयागराज उसके बाद हम गए अयोध्या जहां पर हमने भगवान राम के दर्शन किए और अब हम हरिद्वार आए हैं। यहां पर हम गंगा स्नान करेंगे और सभी धार्मिक मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करेंगे यहां पर आकर हमें बहुत अच्छा लग रहा है और हम दर्शन करके धन्य हो गए हैं वहीं पाकिस्तान से आए लोगों ने कहा दोनों मुल्कों में भाईचारा बना रहे पड़ोसी भाई है। पड़ोसी भाइयों में अच्छा रहना चाहिए यही हमारे सद्गुरु का भी उपदेश है। क्योंकि पड़ोसी भाई होता है। वहीँ शदाणी दरबार के नौवें गुरु स्वामी युधिष्ठिर लाल का कहना है। पाकिस्तान से आए इस जत्थे ने रायपुर अमरावती प्रयागराज और अयोध्या में भगवान राम के दर्शन कर आज हरिद्वार पहुंचे हैं। हर वर्ष हिंदू पाकिस्तानियों का यह जत्था शदाणी दरबार हरिद्वार आता है। यह जत्था पिछले 35 वर्षों से लगातार आ रहा है। इन पाकिस्तानी यात्रियों का एक महीने का वीजा रहता है इस 1 महीने में उनकी यह यात्रा पुरी की पूरी धार्मिक यात्रा रहती है जब यह पाकिस्तान से हिंदुस्तान आते हैं तो बॉर्डर से लेकर पूरे हिंदुस्तान के हिंदुस्तानी बहुत खुश होते हैं। क्योंकि भारत की पहचान यहां के तीर्थ स्थल है। यहां का वैदिक ज्ञान है गुरु परंपरा हमारे भारत की एक अद्भुत परंपरा है। भारत ईश्वरों की अवतारों की जन्म भूमि है इसलिए यह यात्रा हर साल शदाणी दरबार कराता है।