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धर्मपुर विधानसभा सीट में विधायक विनोद चमोली राह आसान नहीं ।

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14 फरवरी 2022को प्रदेश में चुनाव की तिथि का ऐलान होते ही प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर राष्ट्रीय राजनीतिक दलों में दावेदारों के बीच टिकट को लेकर रस्साकशी शुरू हो चुकी है। भाजपा और कांग्रेस में टिकट को लेकर इस समय प्रत्येक सीट पर माथापच्ची चल रही है। जबकि आम आदमी पार्टी ने अधिकांश प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।
प्रदेश की सबसे बड़ी मतदाताओं वाली धर्मपुर विधानसभा सीट की बात करें तो इस समय यह हॉट सीट बनी हुई है। इस सीट पर जहां कांग्रेस की ओर से पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल का टिकट तय माना जा रहा है। वहीं भाजपा में इस सीट पर एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं ने अपनी दावेदारी पेश की है । वर्तमान में भाजपा के विधायक विनोद चमोली यहां से विधायक हैं । जिन्होंने पिछली बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिनेश अग्रवाल को 10 हजार से अधिक मतों से हराया था। धर्मपुर विधानसभा में दो लाख से अधिक मतदाता  हैं ,जो कि प्रदेश की रुद्रप्रयाग जिले की दोनों विधानसभा सीटों के कुल मतदाताओं से अधिक है। पलायन की वजह से इस विधानसभा में पहाड़ी मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है । लगभग 50% से अधिक पहाड़ी मतदाता इस विधानसभा में निवास करते हैं । 30% के करीब मुस्लिम मतदाताओं की संख्या यहां निवास करती है । 2017 में पहाड़ी मतदाताओं ने एकजुटता से विनोद चमोली के साथ खड़े थे।और उनको भारी बहुमत से जिताया था । इस समय‌ परिस्थिति उनके अनुकूल नहीं दिखाई दे रही है। जनता में आक्रोश ,कार्यकर्ताओं में निराशा से वर्तमान विधायक विनोद चमोली की काबिलियत पर सवाल उठ रहे हैं। चमोली जनता की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए हैं। उनकी उपलब्धि के नाम पर उनकी पोटली खाली दिखाई दे रही है। 5 साल के उनके कार्यकाल पर नजर डालें तो उन्होंने न तो कार्यकर्ताओं को कोई तवज्जो दी, और ना ही जनहित में कोई ऐसा कार्य किया जिससे उनको याद किया जाए। लोगों का मानना है कि चमोली अहंकार की चासनी में इस तरह डूबे हुए हैं वे जनता और कार्यकर्ताओं से सीधे मुंह भी बात नहीं करते। इस विधानसभा में टिहरी विस्थापितों की संख्या करीब 25हजार से अधिक है । जो विधायक विनोद चमोली से बहुत नाराज दिखाई दे रहे हैं। 2011 में जब विधायक चमोली मेयर थे ,उन्होंने घोषणा की थी कि टिहरी विस्थापितों की हर समस्या का समाधान वे करेंगे । तीन मुख्य मांगे विस्थापितों की उन्होंने स्वयं घोषणा की थी कि  हरिद्वार बायपास में टिहरी पार्क बनायेंगे ,टिहरी चौक और श्रीदेव सुमन की प्रतिमा लगायेंगे । लेकिन आज तक इन घोषणाओं पर कोई काम नहीं हुआ। जबकि 18 बीघा जमीन मुस्लिमों को कब्रिस्तान के लिए, और 9 बीघा जमीन ब्रह्मपुरी में छठ पूजा के लिए बिहारीयों को उन्होंने  दी। पिछली बार चुनाव के दौरान उन्होंने कहा था कि मैं राज्य आंदोलनकारी हूं, और पहाड़ की पीड़ा को समझता हूं । मैं पहाड़ और क्षेत्र की एक बुलंद आवाज बनूंगा ।और विधानसभा को हिला दूंगा। लेकिन अफसोस चमोली आज तक उत्तराखंड के इतिहास में पहले ऐसे विधायक हैं जिन्होंने एक भी प्रशन विधानसभा में नहीं उठाया । धर्मपुर विधानसभा की सड़कों की बात करें तो खस्ताहाल हैं। 5 साल में राजीव जुयाल मार्ग ब्राह्मण वाला , हरभज वाला ,मोहब्बेवाला, बंजारावाला आदि क्षेत्रों की आंतरिक सड़कों की हालत खस्ताहाल है। ऋषि बिहार के लोगों ने तो उनके घर में अभी कुछ दिन पहले धरना दिया था , यह सब ने देखा।  विधायक निधि में भी लिपापोती  की गई। विकास कार्य भी कोई खास नहीं दिखाई दे रहे हैं ।  कोई ऐसी उपलब्धि वे जनता को नहीं बता सकते । पार्टी के कार्यकर्ताओं की बात करें तो खासकर संघ पृष्ठभूमि के कार्यकर्ताओं को उन्होंने इन 5 सालों में घर बैठाने का काम किया। उनकी उपेक्षा की गई , जो आज उनके साथ खड़े नहीं दिखाई दे रहे हैं । मूल कार्यकर्ताओं को आपस में लड़ाने -भीड़ाने  का काम विधायक चमोली ने इन पांच सालों में  किया।यह आरोप पार्टी के वरिष्ठ नेता कार्यकर्ता उन पर लगा रहे हैं, कुछ कार्यकर्ता तो उन्हें षड्यंत्र की चलती -फिरती यूनिवर्सिटी तक कहने लगे हैं। कारगी में डंपिंग जोन जो उनके मेयर कार्यकाल में बना था वह आज स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है जिससे इस क्षेत्र के लोग उनसे काफी नाराजगी है। यही नहीं रोहिंग्या मुसलमानों को उनके करीबी इस विधानसभा में बसाने का काम किया ,वे  उनकी मदद कर रहे हैं उससे भी क्षेत्र के लोग उनसे नाराज़ हैं। पार्टी के एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं ने इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश की है। इनमें अधिकांश दावेदार विधायक विनोद चमोली के करीबी हैं जो विधायक विनोद चमोली की रणनीति के तहत अपनी  दावेदार पेश कर रहे हैं ताकि वे पार्टी पर समय आने पर दबाव बना सके की मेरे पक्ष में इतने दावेदार बैठ गये हैं ।  इस विधानसभा में मुख्य दावेदार बीर सिंह पंवार, भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश सूमन ध्यानी, महानगर महामंत्री रतन सिंह चौहान प्रमुख हैं।

सबसे अधिक चुनौती विधायक विनोद चमोली को राज्य आंदोलनकारी बीर सिंह पंवार से मिल रही है। पंवार पिछले 10 साल से इस विधानसभा में खून पसीना बहा रहे हैं । पंवार पहाड़ी प्रजामंडल के अध्यक्ष भी हैं राज्य आंदोलनकारी के साथ ही जानेमाने समाजसेवी भी हैं ।कोरोना काल में पंवार ने मोदी किचन के माध्यम से 2 माह तक दो हजार लोगों को प्रतिदिन भोजन करवाया जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाई। साथ ही मेडिकल किट भी उपलब्ध कराए। जिससे हर वर्ग में उनकी लोकप्रियता है। यही नहीं पांच अनाथ बालिकाओं को गोद लेकर उनकी पढ़ाई का भी खर्चा वे उठा रहे हैं बंजारावाला के राजेंद्र बिहार में मंदिर के लिए उन्होंने जमीन दान की और‌ वहां भव्य मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है। इसके अलावा हर गरीब जरूरतमंद लोगों के साथ वे  खड़े दिखाई देते हैं। पंवार की युवाओं में जबरदस्त पकड़ है।उनका  सरल स्वभाव और सौम्य व्यवहार और पहाड़ी मतदाताओं में उनकी लोकप्रियता बनी हुई है। साथ ही मुस्लिम मतदाताओं और अन्य समुदाय में भी उनकी लोकप्रियता से विधायक विनोद चमोली के माथे पर बल साफ दिखाई दे रहा है।

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