‘शिंगल क्लॉक टॉवर’ का हुआ उद्घाटन
देहरादून। लैंसडौन / गढ़वाल राईफल्स रेजिमेंटल सेंटर, लैंसडौन परिसर में एक भव्य समारोह में ‘ शिंगल क्लॉक टॉवर’ का उद्घाटन किया गया। क्लॉक टॉवर का शुभारम्भ भारतीय सेना के विशिष्ट अधिकारी दिवंगत मेजर जनरल हरि नारायण शिंगल, पीवीएसएम, एवीएसएम की स्मृति में उनकी धर्मपत्नी व समारोह की मुख्य अतिथि अनीता शिंगल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मेजर जनरल आर. प्रेम राज, सेना मेडल, वीएसएम, एडीजी मेकनाइज़ड इन्फेंट्री, ब्रिगेडियर विनोद नेगी, वीएसएम, कमांडेंट, गढ़वाल राईफल्स रेजिमेंटल सेंटर, श्रीमती रेखा नेगी, चेयरपर्सन, परिवार कल्याण संगठन, जीआरआरसी और रेजिमेंट के कई अधिकारी एवं बहादुर सैनिक, पूर्व सैनिक उपस्थित थे। इस क्लॉक टॉवर टावर का निर्माण गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर की देख-रेख में रायल क्लॉक टॉवर (हिमगिरि ट्रेडिंग) के सतीश धवन द्वारा किया गया । 40 फीट के ऊँचाई वाला क्लॉक टॉवर पारंपरिक रेजिमेंटल रंग से रंगा हुआ है जो गढ़वाल राइफल्स की भावना को दर्शाता है । इसके शीर्ष पर बने सुनहरे बार्डर इसकी गरिमा और शाश्वता को स्पर्श देते है। इस भव्य क्लॉक टॉवर की मुख्य विशेषता जीपीएस आधारित घड़ी है, जिसे अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया गया है। घड़ी के रोमन अंक और उसकी हर घंटे की मधुर ध्वनि पूरे लैंसडौन इलाके में गूंजेगी / जिससे यह न केवल समय बतायेगी बल्कि सैनिकों और नागरिकों के लिए कर्तव्य, अनुशासन और समय की पाबंदी के सन्देश भी प्रसारित करेगी। मेजर जनरल एच.एन. शिंगल का कैरियर भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने 25 अक्टूबर 1942 को कमीशन प्राप्त किया और 5/13 फ्रंटियर फोर्स राइफल्स एवं 9 फ्रंटियर फोर्स राइफल्स में अपनी सेवाएँ दी । स्वतंत्रता के बाद, उन्होंने प्रथम और द्वितीय गढ़वाल राइफल्स में सेवा की। अपने शानदार कैरियर के दौरान, उन्होंने प्रथम गढ़वाल राईफल्स के 29वें कमांडिंग ऑफिसर (1959-1961) के रूप में कमान संभाली । इसके अतिरिक्त, उन्होंने 01 नवंबर 1970 से 31 दिसंबर 1978 तक गढ़वाल राइफल्स और गढ़वाल स्काउट्स के छटें कर्नल आफ द रेजिमेंट के रूप में भी रेजिमेंट की सेवा की। यह क्लॉक टॉवर उनके राष्ट्र और गढ़वाल राइफल्स के प्रति आजीवन समर्पण को एक मार्मिक श्रद्धांजलि है।
इस क्लॉक टॉवर का निर्माण कार्य 2025 में पूरा हुआ, जिसकी ऊंचाई 40 फीट है। यह टॉवर लैंसडौन के ऐतिहासिक परिदृश्य में एक प्रमुख लैंडमार्क बन चुका है। उद्घाटन के बाद, ब्रिगेडियर विनोद नेगी ने विश्वास व्यक्त किया कि क्लॉक टॉवर से निकलने वाली हर घंटे की गूंज रेजिमेंट की वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को उनकी गर्वित विरासत और समृद्ध सैन्य परंपराओं को हमेशा बनाए रखने के लिए प्रेरित करती रहेगी।
