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उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय में मंडल स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता संपन्न

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हल्द्वानी। मानवाधिकार दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय में मानवाधिकार एवं अंतरराष्ट्रीय कानून विभाग, राजनीति विज्ञान तथा लोक प्रशासन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में “डिजिटल युग में मानवाधिकारों की स्थिति : सशक्तिकरण या क्षरण” विषयक मंडल स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न महाविद्यालयों से आए प्रतिभागियों ने डिजिटल युग में मानवाधिकारों की बदलती चुनौतियों, अवसरों, केस लॉज़ और विधिक प्रावधानों के माध्यम से अपने तर्कों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। प्रतिभागियों के उत्साह और विषय की गहन समझ ने कार्यक्रम को विशेष रूप से सार्थक बना दिया। प्रतियोगिता परिणामों में वासुदेव लॉ कॉलेज की आराध्या ने पक्ष में प्रथम स्थान एवं प्रतीक भट्ट ने विपक्ष में प्रथम स्थान प्राप्त किया। उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय, मानवाधिकार विभाग की अनिता रावत ने पक्ष में द्वितीय जबकि राजेंद्र प्रसाद लॉ कॉलेज की लक्षिता ने विपक्ष में द्वितीय स्थान हासिल किया। तृतीय स्थान पर राजेंद्र प्रसाद लॉ कॉलेज की लता मेवाड़ी (पक्ष) एवं उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के मुकेश कुमार (विपक्ष) रहे। कार्यक्रम में उपस्थित माननीय कुलपति प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करते हुए प्रतिभागियों की जिज्ञासा, शोधपरक दृष्टिकोण और प्रस्तुति कौशल की सराहना की। उन्होंने कहा कि “डिजिटल युग में मानवाधिकारों की सुरक्षा आज की सबसे महत्वपूर्ण चुनौती है, ऐसे विमर्श युवाओं में जागरूकता और संवेदनशीलता विकसित करते हैं।” प्रतियोगिता में शामिल सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम के सफल आयोजन में विश्वविद्यालय के सभी संकाय सदस्यों, निर्णायक मंडल एवं छात्र-छात्राओं का विशेष योगदान रहा। प्रो. कमल देवलाल ने सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम का समन्वय डॉ. दीपांकुर जोशी ने किया, संचालन डॉ. स्वाति जोशी तथा धन्यवाद डॉ. घनश्याम जोशी ने किया। इस अवसर पर निदेशक अकादमिक प्रो. पी डी पंत, विधी विभाग के निदेशक प्रो. कमल देवलाल, प्रो. रेनू प्रकाश, प्रो. डिगर सिंह फर्सवाण, डॉ. शशांक शुक्ल आदि शिक्षक उपस्थित रहे।

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