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11 जून को जारी आरक्षण सम्बन्धी आदेश पर लगाई रोक

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नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सरकार द्वारा 11 जून को जारी आरक्षण सम्बन्धी आदेश पर रोक लगा दी है। सरकार ने अपने आदेश में कहा था कि अब तक पंचायत चुनाव में लागू हुए आरक्षण को शून्य मानकर इस वर्ष से नए सिरे से प्रथम आरक्षण लागू माना जायेगा। इस बीच राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव की अधिसूचना भी जारी कर दी थी। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए निर्धारित किये गए आरक्षण के रोटशन प्रक्रिया को चुनौती देती याचिकाओं की सुनवाई की। न्यायालय ने पिछली सुनवाई में सरकार से 9 जून को जारी नियमावली व 11 जून को जारी आदेश पर जबाव मांगा था। जिसका सरकार संतोषजनक जबाव नहीं दे पाई। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी.नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में हुई । मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि सरकार ने 9 जून 2025 को एक आदेश जारी कर पंचायत चुनाव हेतु नई नियमावली बनाई साथ ही 11 जून को आदेश जारी कर अब तक पंचायत चुनाव हेतु लागू आरक्षण रोटशन को शून्य घोषित करते हुए इस वर्ष से नया रोटशन लागू करने का निर्णय लिया है। जबकि हाईकोर्ट ने पहले से ही इस मामले में दिशा निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार इस आदेश से पिछले तीन कार्यकाल से जो सीट आरक्षित वर्ग में थी वह चौथी बार भी आरक्षित कर दी गई है। जिस कारण वे पंचायत चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं। इस मामले में सरकार की ओर से बताया गया कि इसी तरह के कुछ मामले एकलपीठ में भी दायर हैं। जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने खण्डपीठ में 9 जून को जारी नियमों को भी चुनौती दी है। जबकि एकलपीठ के समक्ष केवल 11 जून के आदेश जिसमें अब नए सिरे से आरक्षण लागू करने का उल्लेख है, को चुनौती दी गई है।

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