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साइकिल रेस को हरीझंडी दिखाकर किया रवाना

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उत्तरकाशी। भारत-चीन सीमा पर समुद्रतल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नेलांग से सेना के सूर्य देवभूमि चैलेंज का आगाज हो गया। इस अवसर पर सेना की उत्तरी कमान के जनरल आफिसर कमाडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा ने साइकिल रेस को हरी झंडी दिखाई। रेस में सेना के जवानों से लेकर स्थानीय युवाओं ने भी दमखम दिखाते हुए नेलांग से भटवाड़ी तक 110 किमी दूरी तय की। शुक्रवार को तीन दिवसीय सूर्य देवभूमि चैलेंज के तहत आयोजित साइकिल रेस के शुभारंभ पर लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा ने कहा कि यह चैलेंज पहली बार आयोजित किया जा रहा है, यह सफल रहता है तो सेना इसे नियमित रूप से साहसिक खेलों के साथ सीमांत क्षेत्र के विकास के लिए आयोजित करेगी। उन्होंने तीन दिवसीय इस आयोजन में पहले दिन जहां प्रतिभागी नेलांग से भटवाड़ी तक 110 किमी की साइकिल रेस पूरा करेंगे। दूसरे दिन 19 अप्रैल की सुबह भटवाड़ी के मल्ला के पास से बूढ़ाकेदार तक 37 किमी की ट्रेल रनिंग करेंगे। वहीं, तीसरे व अंतिम दिन घुत्तू से त्रियुगीनारायण तक 32 किमी की ट्रेल रनिंग व सोनप्रयाग तक आठ किमी की रोड रनिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि ट्रेल रनिंग के अंतर्गत दुनिया के सबसे ऊंचाई व अतिदुर्गम क्षेत्र से ट्रेल रनिंग के चलते यह चैलेंज पूरा होने पर इसमें होने वाली ट्रेल रनिंग के लिम्का बुक आफ रिकार्डस या गिनीज बुक आफ रिकार्डस में भी जगह बनाने की उम्मीद है। बताया कि इस चैलेंज में सेना के साथ आम नागरिक भी प्रतिभाग कर रहे हैं, जिनकी संख्या 140 से अधिक है। वहीं, पहले दिन साइकिल रेस के दौरान प्रतिभागियों ने नेलांग से गंगोत्री धाम, फिर गंगोत्री से हर्षिल और फिर हर्षिल से भटवाड़ी तक का सफर तय किया। इस दौरान रेस में शामिल सेना के जवानों के साथ युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिला। वहीं, सेना की ओर से प्रतिभागियों के लिए जगह-जगह पर पानी समेत अन्य जरूरी प्रबंध किए थे। इसके लिए नेलांग से गंगोत्री तथा गंगोत्री से भटवाड़ी तक जगह-जगह पर सेना के जवानों को तैनात किया गया था। इस मौके पर सेना के ब्रिगेडियर एमएस ढिल्लो, लेफ्टिनेंट कर्नल शिवेंद्र अहलावत आदि मौजूद रहे।

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