बंदरों के उत्पात से परेशान नगरवासियों ने भेजा मुख्यमंत्री को ज्ञापन
समाचार इंडिया।ऊखीमठ। नगर में बंदरों के उत्पात से परेशान नगरवासियों ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर बंदरों के उत्पात से छुटकारा दिलाने की गुहार लगाई है। ऊखीमठ नगर में बंदरों के उत्पात और इंसान पर झपट्टा मारने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। सोमवार नगर पंचायत ऊखीमठ की महिलाएं और पुरुष बन्दरों के उत्पात से मुक्ति दिलाने की मांग को लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंची। उन्होंने बताया कि नगर में पिछले एक माह में डेढ़ दर्जन से अधिक लोग बन्दरों के काटने से घायल हो चुके हैं। बन्दरों के उत्पात से परेशान नगरवासियों ने कहा कि आए दिन बंदरों के हमले में कई लोग घायल हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि बन्दरों का उत्पात इतना बढ़ गया है कि लोगों को घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। आवाजाही करने वाले बच्चे,बुजुर्ग एवं महिलाओं पर सबसे ज्यादा हमले हो रहे हैं। लेकिन उसके बावजूद भी शासन और प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं कि जा रही है। नगर में बंदरों के हमले की सर्वाधिक घटनाएं ओंकारेश्वर मंदिर मार्ग,राइका ऊखीमठ, मुख्य बाजार एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निकट हो रही हैं। कहा कि स्कूली बच्चों को विद्यालय भेजना और वापस लाना किसी खतरे से कम नहीं है अगर ऐसी ही स्थिति रही अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। उन्होंने कहा कि बन्दरों द्वारा किसानों की फसलों को बर्बाद किया जा रहा है जिससे खेती करने से मोहभंग हो रहा है। ज्ञापन देने वालों में आधा दर्जन से अधिक बन्दरों द्वारा घायल किए जा चुके लोग पहुँचे। सामाजिक कार्यकर्ता विजेंद्र नेगी ने कहा कि बन्दरों के काटने की घटनाएं प्रत्येक दिन हो रही हैं। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर कार्यवाही न होने पर उग्र धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। इस मौके पर केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी,पूर्व नगर अध्यक्ष रीता पुष्पवान,सभासद प्रदीप धर्मवान,महिला मंगल दल अध्यक्ष आरती देवी,विजेंद्र नेगी,यशपाल शैव,बबिता भट्ट,कुब्जा धर्मवान,श्याम सिंह बिष्ट,महावीर नेगी,मानवेन्द्र, नवदीप नेगी, शैव,शंकर स्वामी,रेखा देवी,रमा देवी,दुलारी देवी,कल्पेश्वरी देवी,संगीता देवी,नवदीप नेगी,जयंत नैथानी,अंकित त्रिवेदी आदि थे। ज्ञापन देने पहुंचे नगरवासियों से तहसीलकर्मियों ने भी अपनी पीड़ा व्यक्त की उन्होंने कहा कि बन्दरों के आतंक से वह खुद भी बहुत परेशान हैं। बंदर काट रहे हैं जिससे भय का माहौल बना हुआ है।
- ऊखीमठ से लक्ष्मण सिंह नेगी।