राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी का निधन
समाचार इंडिया/देहरादून। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी और राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी का मंगलवार शाम को निधन हो गया है। वह 84 वर्ष की थी वह पिछले लंबे समय से बीमार थी। इस दौरान वह सीएमआई अस्पताल व हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में भी भर्ती रही। आज दोपहर को तबीयत खराब होने पर परिजन उन्हें मैक्स अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। वह अपने पीछे तीन बेटों व दो बेटियों का भरा—पूरा परिवार छोड़ गई है। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी बलूनी के निधन पर राज्य आंदोलनकारियों में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत समेत अनेक राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं के अलावा भाजपा, कांग्रेस, उक्रांद व अन्य दलों के नेताओं ने भी बलूनी के निधन पर दुख जताया है। परिजनों के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार बुधवार को हरिद्वार में किया जाएगा। पृथक राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाली वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनीअब हमारे बीच नहीं रही। ताई के नाम से प्रसिद्ध राज्यान्दोलनकारी पिछले लंबे समय से बीमार थी। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी सुशीला बलूनी पृथक राज्य प्राप्ति के लिए वर्ष 1994 में हुए आंदोलन की पहली महिला अनशनकारी रही। नौ अगस्त 1994 को उन्होंने देहरादून कलेक्ट्रेट में गोविंद राम ध्यानी और रामपाल के साथ आमरण अनशन शुरू किया था। पृथक राज्य प्राप्ति के लिए हुए आंदोलन के दौरान वह कई बार जेल गई। धरना—प्रदर्शन, चक्काजाम व अन्य आंदोलनात्मक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी निभाने के साथ ही उन्होंने आंदोलन का नेतृत्व भी किया। वह उत्तराखंड महिला संयुक्त संघर्ष संघर्ष समिति की केंद्रीय अध्यक्ष भी रही। पृथक राज्य निर्माण के बाद वह बतौर आंदोलनकारी विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए मैदान में भी उतरी थी। पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी के कार्यकाल में उन्हें राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया।