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करोडों का वित्तीय हेरफेर करने वाले पर मुकदमा

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देहरादून। 

महंत इन्दिरेश अस्पताल के पूर्व वित प्रबंधक सौरभ शर्मा को प्रारम्भिक जॉच में वित्तीय अनियमितताओं का दोषी पाया गया है। पूर्व वित्त प्रबन्धक के खिलाफ महंत इन्दिरेश अस्पताल प्रबन्धन को लगभग 1.50 करोड़ के गबन व धोखाधड़ी की शिकायत मिली थी। प्रथम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट की तरफ से सौरभ शर्मा के खिलाफ पटेल नगर कोतवाली को मुकदमा दायर करने के आदेश जारी किए गए हैं।
काबिलेगौर है कि सौरभ शर्मा वर्ष 2012 से वर्ष 2016 के बीच महंत इन्दिरेश अस्पताल, पटेल नगर देहरादून में वित्त प्रबन्धक के पद पर कार्यरत रहा। बताते चलें कि वर्ष 2012 से वर्ष 2016 में महंत इन्दिरेश अस्पताल में अपने कार्यकाल के दौरान वित्त प्रबंधक सौरभ शर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग कर मरीजों से लिए गए एडवांस धनराशि गबन कर लिया व अस्पताल परिसर में स्थित साईं मेडिकोज़ के स्वामी अरविंद शर्मा जो कि सौरभ शर्मा के मामा हैं। सौरभ व अरविंद दोनों ने मिलीभगत कर फर्जी बिल बनाकर महंत इन्दिरेश अस्पताल को 1,45,49,416 रुपए (एक करोड़ पैंतालिस लाख उनपचास हज़ार चार सौ सोलह रुपये) का गबन कर लिया। सौरभ शर्मा ने अपने मामा से मिलकर फर्जी बिल बनाकर उसका भुगतान साईं मैडिकोज़ के नाम से करवाया उक्त गबन होने की बात वार्षिक ऑडिट होने के बाद पता चला जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने सम्बन्धित विषय की शिकायत पुलिस में की। शिकायत पर कोई कार्यवाही ना होने पर अंत में न्यायालय के माध्यम से अपने अधिवक्ता मनोज यादव के मार्फत अदालत में प्रार्थना पत्र दिया जिसमें न्यायालय में अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय द्वारा थाना अध्यक्ष थाना पटेल नगर को मुकदमा दर्ज कर जांच करने के आदेश पारित किए हैं। काबिलेगौर है कि वर्तमान में भी सौरभ शर्मा व उनके मामा अरविंद शर्मा मिलकर महंत इन्दिरेश अस्पताल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसी जानकारी मिली है कि सौरभ शर्मा को वर्तमान में वेलमेड अस्पताल का पार्टनर बताया जाता है। महंत इन्दिरेश अस्पताल ने कड़ा संदेश जारी किया है कि अस्पताल से जुड़ा कोई भी कर्मचारी या अधिकारी भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितताओं, धोखाधड़ी या गबन में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

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