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पशुपालन से पशुपालकों की आय बढ़ेगी

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उत्तरकाशी। प्रदेश के पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य पालन,गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, प्रोटोकॉल, कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री सौरभ बहुगुणा गाजणा क्षेत्र के दूरस्थ ठांडी गांव में आयोजित पशुपालन की समृद्ध पंरपरा एवं संस्कृति से जुड़े ‘भेड़ू कू तमाशू‘ मेले के त्रैवार्षिक आयोजन के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। बुहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड को देश का अग्रणी विकसित राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्धता से काम काम रही है। राज्यवासियों की सुख-शांति और समृद्धि सरकार के द्वारा ऐतिहासिक कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास व रोजगार सृजन के मोर्चों पर सरकार ने अभूतपूर्व काम किए हैं। पशुपालन जैसे परंपरागत क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ताकि गांवों को खुशहाल और आत्मनिर्भर बनाया जा सके। बहुगुणा ने कहा कि भेड़-बकरी पालन को बढावा देने के लिए सरकार के द्वारा गोट वैली योजना संचालित कर पांच बकरी खरीदने वाले लाभार्थी को सरकार के द्वारा दस बकरी एवं एक बकरा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। जिले की गाजणा पट्टी के दूरस्थ ठांडी गांव के बौल्याधार में बहुप्रसिद्ध पारंपरिक मेला ‘भेड़ू कू तमाशू‘ (भेंड़ों का उत्सव) का आयोजन हर तीसरे वर्ष होता है। लोक देवता बौल्यानाग, हरि महाराज तथा अन्य लोक देवताओं की डोलियों व धार्मिक प्रतीकों के सानिध्य में इस आयोजन में पशुधन की समृद्धि और लोक मंगल की कामना करते हुए पूजा-अर्चना करने के साथ ही बुग्यालों से लौटी हजारों भेंड़ों के झुंडों के साथ पशुचारकों द्वारा बौल्याधार स्थित मंदिर परिसर की परिक्रमा की जाती है। आज भी मेले के समापन पर हजारों भेड़ों के साथ यह अनूठी परंपरा निभाई गई। पशुपालन मंत्री ने इस मौके पर भेड़ों की आगवानी करने के साथ ही मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर देव डोलियों व निशानों के नृत्य के साथ ही पारंपरिक लोकनृत्यों का आयोजन भी किया गया। जिले के गाजणा, धनारी व नाल्ड कूठड़ पट्टी के गांवों के साथ ही टिहरी जिले के थाती कठूड़, आरगढ, गोनगड, उपली रमोली आदि पट्टियों के हजारों ग्रामीण इस मेले में भाग लेने के लिए पहॅुंचे थे।

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