मुख्यमंत्री ने किया सगन्ध फसल उत्कृष्टता केन्द्र का लोकार्पण
समाचार इंडिया। देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सगन्ध पौधा केन्द्र, सेलाकुई में सगन्ध फसल उत्कृष्टता केन्द्र का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दालचीनी एवं तिमरू के उत्पादन को बढ़ाने के लिए मिशन दालचीनी व तिमरू शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे पर्वतीय क्षेत्र के किसानों की आय में वृद्धि होने के साथ ही रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सगंध पौधा केन्द्र द्वारा गुणवत्तापूर्ण सगन्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड में पारम्परिक खेती के क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों के चलते राज्य में पारम्परिक कृषि के प्रति कृषकों का रुझान निरन्तर कम होता जा रहा है। राज्य के कृषि क्षेत्र में आ रही चुनौतियों व एरोमैटिक सेक्टर के बढ़ते बाजार को देखते हुए सगंध खेती व संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यहां पर ‘संगध पौधा केन्द्र की स्थापना की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में आर्थिकी और पर्यावरण के मध्य समन्वय स्थापित करते हुए राज्य की परिस्थितियों के अनुरूप विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग कर किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में भी निरंतर प्रयास करने होंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह केन्द्र राज्य में सगन्ध फसलों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। जिससे किसानों को आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सगन्ध पौधा केन्द्र के प्रयासों से जहां एक ओर काश्तकार सगन्ध खेती के माध्यम से बेहतर आय प्राप्त कर रहे हैं । वहीं उनमें उद्यमशीलता का भी विकास हो रहा है। सगन्ध फसलों की सफल खेती को देखते हुये राज्य में वृहद रुप से खेती कराये जाने के लिए राज्य में सात एरोमा वैलियां जनपद हरिद्वार में लैमनग्रास एवं मिन्ट वैली, जनपद- नैनीताल व चम्पावत में सिनामन वैली, जनपद चमोली एवं जनपद अल्मोडा में डेमस्क गुलाब वैली, जनपद उद्यमसिंह नगर में मिन्ट वैली, जनपद पिथौरागढ में तिमूर वैली एवं जनपद पौड़ी में लैमनग्रास वैली विकसित की जा रही है।* उन्होंने कहा कि इस उत्कृष्टता केन्द्र का उपयोग नर्सरी उत्पादन के अलावा कृषकों को नर्सरी तैयार करने के प्रशिक्षण हेतु किया जायेगा ताकि नर्सरी द्वारा भी वे आय अर्जन कर सके। इस हाईटैक नर्सरी में पर्याप्त मात्रा में दालचीनी, तिमूर, सुरई, डैमस्क गुलाब आदि की पौध तैयार होने से राज्य की बंजर पड़ी कृषि भूमियों में सगन्ध फसलों के बगीचे स्थापित किये जा सकेंगे। राज्य में सगन्ध बगीचों की स्थापना से कृषकों की आर्थिकी में वृद्धि होगी।