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प्राणायाम का योग में बहुत महत्व है: संयोगिता सिंह

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समाचार इंडिया/हल्द्वानी।

मिनी स्टेडियम, हल्द्वानी में साप्ताहिक योग सप्ताह का आयोजन प्रातः 07 से 08 बजे किया जा रहा है। योग सप्ताह कार्यक्रम के पंचम दिवस में शहर के 73 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग कर योग का लाभ उठाया। योगाचार्य डॉ संयोगिता सिंह ने योगा में उपस्थित प्रतिभागियों को बताया कि प्राणायाम का योग में बहुत महत्व है। आदि शंकराचार्य श्वेताश्वतर उपनिषद पर अपने भाष्य में कहते हैं, “प्राणायाम के द्वारा जिस मन का मैल धुल गया है वही मन ब्रह्म में स्थिर होता है इसलिए शास्त्रों में प्राणायाम के विषय में उल्लेख है। योगाचार्य ने प्रतिभागियों को कपाल भाती कराते समय बताया कि सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन में बैठकर साँस को बाहर फैंकते समय पेट को अन्दर की तरफ धक्का देना है, इसमें सिर्फ साँस को छोड़ते रहना है। दो साँसों के बीच अपने आप साँस अन्दर चली जायेगी, जान-बूझ कर साँस को अन्दर नहीं लेना है। कपाल कहते है मस्तिष्क के अग्र भाग को, भाती कहते है ज्योति को, कान्ति को, तेज को; कपालभाति प्राणायाम लगातार करने से चहरे का लावण्य बढ़ता है। जिला आयुर्वेदिक एवम यूनानी अधिकारी डॉ एम एस गुंज्याल ने प्रतिभागियों को बताया कि कपालभाति प्राणायाम धरती की सन्जीवनी कहलाता है। कपालभाती प्राणायाम करते समय मूलाधार चक्र पर ध्यान केन्द्रित करना होता है। इससे मूलाधार चक्र जाग्रत हो कर कुन्डलिनी शक्ति जाग्रत होने में मदद होती है। कपालभाति प्राणायाम करते समय ऐसा सोचना है कि, हमारे शरीर के सारे नकारात्मक तत्व शरीर से बाहर जा रहे हैं। खाना मिले ना मिले मगर रोज कम से कम 5 मिनिट कपालभाति प्राणायाम करना ही है, यह दृढ़ संकल्प करना है। कपालभाति प्राणायाम के बाद अनुलोम विलोम प्राणायाम अवश्य करें। ऐसा करने से कपालभाति प्राणायाम के लाभ और बढ जाते हैं।
इस अवसर पर जिला नोडल अधिकारी डॉ प्रदीप मेहरा, नोडल अधिकारी हल्द्वानी डॉ योगेंद्र सिंह, डॉ त्रिलोक बिष्ट, डॉ शिवानी पांडेय, डॉ विजय सक्सेना, डॉ मीरा बिष्ट, डॉ रोली जोशी सहित प्रतिभागी उपस्थित थे।

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