Sun. Sep 22nd, 2024

चट्टान खिसकने से यातायात हुआ बाधित

लक्ष्मण सिंह नेगी/समाचार इंडिया/ऊखीमठ। 

कुण्ड – चोपता गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग पर संसारी के निकट राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा खिसकने से राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया है। राजमार्ग पर चट्टान खिसकने का कारण बरसात के समय ऊपरी हिस्से से पानी रिसाव होना माना जा रहा है। पुलिस प्रशासन द्वारा गुप्तकाशी – कुण्ड – ऊखीमठ जाने वाले वाहनों को विद्यापीठ होकर भेजा जा रहा है। राजमार्ग द्वारा यातायात बहाल करने के प्रयास तो किये जा रहे है मगर उक्त स्थान पर चट्टान होने के कारण यातायात बहाल करने में समय लग सकता है। राजमार्ग पर यातायात बाधित होने के कारण जिला मुख्यालय से तहसील मुख्यालय सम्पर्क करने वाले ग्रामीणों को भीरी – मक्कू बैण्ड होकर कई किमी अतिरिक्त दूरी तय करने पड़ रही है। राजमार्ग पर यदि समय रहते यातायात बहाल नही होता है तो तहसील मुख्यालय सहित मदमहेश्वर घाटी में खाद्यान्न संकट गहरा सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि तोडी डाली – पठाली – काकडागाड निर्माणाधीन मोटर मार्ग का निर्माण कार्य यदि युद्ध स्तर पर होता तो वैकल्पिक रूप से इस मोटर मार्ग से आवाजाही हो सकती है। बता दे कि गुरूवार सुबह लगभग नौ बजे कुण्ड – चोपता – गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग पर संसारी के निकट चट्टान खिसकने से राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। चट्टान खिसकने का मुख्य कारण बरसात के समय राजमार्ग के ऊपरी हिस्से से पानी का रिसाव होना माना जा रहा है। गनीमत तो यह रही की चट्टान खिसकते समय किसी वाहन की आवाजाही नहीं हुई, यदि चट्टान खिसकते समय किसी वाहन की आवाजाही होती तो बड़े हादसे को आमन्त्रणा मिल सकती है। चट्टान खिसकने के बाद पुलिस प्रशासन, स्थानीय अधिसूचना विभाग ने भी जायजा लिया तथा राजमार्ग के अधिकारियों ने घटना स्थल पर पहुँच कर राजमार्ग पर यातायात बहाल करने की कवायद शुरू कर दी है। प्रधान संगठन मीडिया प्रभारी योगेन्द्र नेगी ने बताया कि राजमार्ग का बहुत बड़ा हिस्सा खिसक चुका है। अधिवक्ता नागेन्द्र राणा ने बताया कि तोडी डाली – काकडागाड मोटर मार्ग का निर्माण कार्य विभाग लापरवाही से अधर में लटका हुआ है यदि मोटर मार्ग का निर्माण कार्य पूरा हुआ होता तो इस मोटर मार्ग से वैकल्पिक आवाजाही हो सकती है। कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ प्रदेश महामंत्री आनन्द सिंह रावत ने बताया कि यदि राजमार्ग पर यातायात बहाल नही होता है तो ऊखीमठ सहित विभिन्न क्षेत्रों में खाद्यान्न व रसोई गैस का संकट पैदा हो सकता है। उनका कहना है कि यदि दैनिक वस्तुओं की आपूर्ति भीरी – मक्कबैण्ड से होती है तो दैनिक वस्तुओं के दामों में उछाल आना स्वाभाविक है। थानाध्यक्ष रवीन्द्र कुमार कौशल ने बताया कि कुण्ड – ऊखीमठ के मध्य वाहनों की आवाजाही पूर्णतया बन्द कर दी गयी है तथा गुप्तकाशी से ऊखीमठ, चोपता, गोपेश्वर व बद्रीनाथ जाने वाले तीर्थ यात्रियों व ग्रामीणों को विद्यापीठ मोटर मार्ग से भेजा जा रहा है। राजमार्ग के एई अनिल बिष्ट ने बताया कि चट्टान खिसकने वाले स्थान पर जेसीबी मशीन भेज दी गयी है। चट्टान कठोर होने के कारण यातायात बहाल करने में समय लग सकता है फिर भी चार धाम यात्रा के मध्य नजर लगभग पांच दिनों में यातायात बहाल करने के प्रयास किये जायेंगे।

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