Sat. Sep 21st, 2024

32 सदस्सीय दल ने बधाणी ताल का भ्रमण किया

लक्ष्मण सिंह नेगी/समाचार इंडिया/ऊखीमठ। 

कालीमठ कीर्तन मण्डली की अध्यक्ष विनीता राणा के नेतृत्व में कीर्तन मण्डली कालीमठ व कविल्ठा के 32 सदस्सीय दल ने विकासखण्ड जखोली की सुरम्य वादियों में बसे बधाणी ताल का भ्रमण कर वहां की खूबसूरती व चारों ओर फैले प्राकृतिक छटख रुबरु हुए। दोनों कीर्तन मण्डलियो से जुड़ी महिलाओं के बधाणी ताल आगमन वहाँ ग्रामीणों ने उन्हें बधाणी ताल के प्राकृतिक सौन्दर्य से रुबरु करवाते हुए उनका अतिथि सत्कार किया। कालीमठ कीर्तन मण्डली अध्यक्ष विनीता राणा ने बताया कि कालीमठ कीर्तन मण्डली के द्वारा समय – समय पर विभिन्न क्षेत्रों के अन्तर्गत तीर्थ व पर्यटक स्थलों का भ्रमण कर वहाँ के धार्मिक महत्ता तथा पर्यटक स्थलों के प्राकृतिक छटा से रुबरु होकर जानकारियां हासिल की जा रही है तथा तीर्थ स्थलों में भजनों के माध्यम से परम पिता परमेश्वर की महिमा का गुणगान किया जा रहा है। गुड्डी देवी ने बताया कि बधाणी ताल के प्राकृतिक सौन्दर्य से रूबरू होने से भटके मन को अपार शान्ति मिलती है तथा सुखद जीवन का एहसास होने लगता है। गौरा देवी ने बताया कि प्रकृति ने बधाणी ताल को नव नवेली दुल्हन की तरह सजाया व संवारा है। आशा देवी ने बताया कि बधाणी ताल के दर्शन करने से अपार आनन्द की अनुभूति होती है! कल्पेश्वरी देवी ने बताया कि बधाणी ताल के चारों ओर फैले भूभाग को बार – बार निहारने के लिए मन लालायित बना रहता है। रूकमा देवी ने कहा कि प्रकृति ने बधाणी ताल का निर्माण बडे़ खूबसूरत तरीके से किया है। सीता देवी ने बताया कि बधाणी ताल में किसी न किसी रूप में ईश्वरीय शक्ति का वास माना जाता है। लक्ष्मी देवी ने बताया कि बधाणी ताल में पर्यटन की अपार सम्भावनाये है इसलिए बधाणी ताल के चारों ओर के भूभाग को पर्यटन हब के रूप में विकसित कर स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में बढ़ावा देने से युवाओं के सन्मुख स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकतें है। मंजू देवी ने बताया कि दोनों कीर्तन मण्डलियो के बधाणी ताल आगमन पर स्थानीय निवासी गोपाल सिंह पंवार व साथियों द्वारा बधाणी ताल के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी तथा अतिथि सत्कार किया गया। बधाणी ताल भ्रमण में विमला देवी, जया देवी, सुरजी देवी, कलावती देवी, शशि देवी, सरस्वती देवी, संगीता देवी, विजया देवी, पुष्पा देवी, प्रियंका देवी, अनीता देवी सहित 32 महिलायें मौजूद थीं।

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