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कौन होगा उत्तराखंड का अगला सीएम?

देहरादून।

उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर ली है। प्रदेश में 2022 का चुनाव भाजपा ने सीएम धामी के नेतृत्व में लड़ने के साथ ही उन्हें अगला सीएम भी घोषित किया था। लेकिन चुनाव में धामी की हार के बाद उनके मुख्यमंत्री बने रहने पर अब प्रश्नचिन्ह लग गया है इसके साथ ही प्रदेश का अगला सीएम कौन होगा इसमें मंथन शुरू हो गया है।

सीएम पद के दावेदार –
धन सिंह रावत – आरएसएस के जमाने से ही समर्पित कार्यकर्ता के साथ खांटी बीजेपी नेता पिछली बार जब बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम की कुर्सी से उतारा था तो उत्तराखंड में ये आम चर्चा थी कि धन सिंह रावत अगले मुख्यमंत्री बन सकते हैंं। लेकिन आखिरी मौके पर पार्टी ने तीरथ रावत को सीएम बना दिया था. इस बार भी धन सिंह रावत सीएम की रेस में सबसे आगे हैंं। जब तीरथ को हटाया तो उत्तराखंड में ऐसा वातावरण तैयार हो गया था कि अब तो धन सिंह रावत की सीएम बनेंगे।बीजेपी हाईकमान ने पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना दिया था।
सतपाल महाराज – चौबट्टाखाल सीट से चुनाव जीतकर आए सतपाल महाराज मूल रूप से आध्यात्मिक गुरु हैं। उनकी राजनीति कांग्रेस से शुरू हुई थी। हरीश रावत के साथ विवाद के चलते 2014 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी।

बिशन सिंह चुफाल – बिशन सिंह चुफाल पारंपरिक नेता हैं। उन्हें दुनिया-जहान के झमेलों से कुछ लेना-देना नहीं रहता है। इस समय वो धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में 4 मंत्रालय संभाल रहे थे। उनके पास पेयजल, वर्षा जल संग्रहण, ग्रामीण निर्माण, जनगणना जैसे विभाग थे। चुफाल के नाम पर कोई विवाद नहीं है। पिथौरागढ़ की डीडीहाट सीट के जीतकर आए बिशन सिंह चुफाल को बीजेपी के शांत और सौम्य नेताओं में से माना जाता है। जब त्रिवेंद्र रावत मुख्यमंत्री थे तो उस समय अपनी उपेक्षा की शिकायत लेकर वो हाईकमान के पास दिल्ली जरूर गए थे।
अजय भट्ट सांसद – अजय भट्ट नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री हैंं। भट्ट की बीजेपी संगठन और आरएसएस दोनों में मजबूत पकड़ है। उनका दुर्भाग्य रहा कि जब-जब ये माना गया कि वो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनेंगे तब-तब वो रानीखेत विधानसभा सीट से चुनाव हार गए। 2007 में पहली बार ऐसा हुआ। 2017 में भी यही कहानी दोहराई गई।
अनिल बलूनी – राज्यसभा सांसद – अनिल बलूनी राज्यसभा सांसद हैं। उनकी पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ नजदीकी जग-जाहिर है। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो तभी से अनिल बलूनी के उनसे घनिष्ठ संबंध रहे हैंं। मोदी के केंद्रीय राजनीति में आने और प्रधानमंत्री बनने के बाद अनिल बलूनी का राजनीतिक कद बढ़ता चला गया। पहले उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया। फिर प्रवक्ताओं का हेड बना दिया गया।इसके बाद उन्हें राज्यसभा का सांसद बना दिया गया.. पत्रकार से नेता बने अनिल बलूनी सौम्य माने जाते हैंं। हालांकि वो ज्यादातर दिल्ली में रहते हैं, लेकिन पहाड़ के मद्दों को लेकर संजीदा रहते हैंं। चाहे वो रेल से जुड़ी समस्याएं हों या फिर मोबाइल नेटवर्क को लेकर उत्तराखंड के लोगों की समस्या।

रमेश पोखरियाल निशंक – सांसद – केंद्र में शिक्षा मंत्री का पद संभाल चुके हैं। स्वास्थ्य समेत कुछ अन्य कारणों से केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ने वाले रमेश पोखरियाल भी सीएम पद के दावेदार हो सकते हैंं। उनके पास यूपी के समय से मंत्री पद संभालने का अनुभव रहा है तो वो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। निशंक शिशु मंदिर के शिक्षक से मंत्री मुख्यमंत्री तक का सफर तय कर चुके हैं। आरएसएस में भी उनकी अच्छी पकड़ हैै।

बंशीधर भगत – लोकतंत्र की सबसे पहली सीढ़ी यानी ग्राम प्रधान से उत्तराखंड बीजेपी का अध्यक्ष बनने का बंशीधर भगत का सफर उन्हें विशेष बनाता है। उत्तराखंड के ताकतवर नेताओं में शामिल भगत की पूछ उत्तर प्रदेश के जमाने से ही रही है। यूपी में कल्याण सिंह की सरकार में राज्यमंत्री रहे और उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भाजपा की हर सरकार में बड़ा मंत्रालय संभाला है। बंशीधर भगत ने सात बार चुनाव लड़ा और छह बार जीत दर्ज की।
ऋतु खंडूड़ी – कोटद्वार सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडू़ड़ी की बेटी ऋतु चुनाव जीती हैं।जिस सीट से उनके पिता बीसी खंडूड़ी को हार का मुंह देखना पड़ा था..उसी सीट से उन्होंने जीत हासिल की हैै।

रेखा आर्य- रेखा आर्य को सीएम बनाकर बीजेपी पहली दलित सीएम दे सकती हैै। अल्मोड़ा जिले की सोमेश्वर सीट से रेखा आर्य चुनाव जीती हैं। इस बार बीजेपी से छह महिला प्रत्याशी चुनाव जीती हैं। नैनीताल सीट से सरिता आर्य चुनाव जीती हैं. देहरादून कैंट से सविता कपूर चुनाव जीती हैंं। शैलारानी रावत ने केदारनाथ से जीत हासिल की है। रेनू बिष्ट ने यमकेश्वर से जीत हासिल की है। बीजेपी हाईकमान अगर किसी महिला को सीएम की कुर्सी पर बिठाने का प्लान बना रहा हो तो ऋतु खंडूड़ी और रेखा आर्य में से किसी को मौका मिल सकता हैै।

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