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पर्यटन स्थलों के सांस्कृतिक महत्व को बचाए रखने की जरुरतः गामा

देहरादून। मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों को संरक्षित करते हुए उसके सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखने ये प्रदेश का पर्यटन फल फूल सकता है। प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देकर ऐतिहासिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक व तीर्थाटन पर्यटन को विकसित करने की दिशा में प्रयास कर रही है।
नगर निगम सभागार में उत्तराखंड पर्यटन एवं तीर्थाटन संरक्षण समिति द्वारा कैसा हो उत्तराखंड का पर्यटन, तीर्थाटन संरक्षण, रोजगार व संस्कृति विकास विषय पर हुई गोष्ठी में मेयर ने कहा कि वह संतुलित विकास के पक्षधर हैं। पर्यटन प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ है। इसलिए इस दिशा में व्यवस्थित प्रयासों की जरुरत है। अनेक दीर्घकालिक योजनाएं सरकार ने अपने कार्यकाल में बनाई हैं। अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ने, लोकल फॉर वोकल को अपनाते हुए होम स्टे, पहाड़ी खानपान के लिए अनेक समितियों के माध्यम से काम किया जा रहा है। अन्य वक्ताओं ने प्रदेश में भोगवादी पर्यटन की अधिकता को प्रदेश की संस्कृति, प्रकृति और रोजगार के लिए घातक बताया। इस अवसर पर कलाकारों ने लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सुरकण्डा की डोली यात्रा से हुआ। मेयर सुनील उनियाल गामा, समिति अध्यक्ष कमल भण्डारी, सामाजिक कार्यकर्ता नवीन परशाली ने दीप जलाकर मेले का शुभारम्भ किया। उत्तराखण्डी फिल्म निर्देशक प्रदीप भण्डारी के निर्देशन में कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। गायक पद्म गुसाईं, जितेन्द्र पंवार, राजलक्ष्मी सुंदर प्रस्तुति दी। समिति अध्यक्ष कमल भण्डारी ने कहा कि प्रदेश में सुदूर पहाड़ पर्यटन स्थलों व ईको टूरिज्म के विकास के लिए स्थानीय संस्कृति के अनुकूल नीति बनाने की आवश्यकता है। जिससे पहाड़वासियों के पुश्तैनी गांव, गदेरे, धारे, लोक संस्कृति, पौराणिक मंदिर एवं ऐतिहासिक गढ़ों को पर्यटन व तीर्थाटन के रूप में बुनियादी सुविधाओं से जोड़ा जा सके। हजारों लोगों को उनके गांवों में ही रोजगार दिया जा सकता है। प्रदीप भण्डारी ने कहा कि राज्य सरकार को पंचायत, राजस्व, वन एवं पर्यटन विभाग को मिलाकर ग्रामीण पर्यटन विकास बोर्ड बनाना चाहिए। आप पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन परशाली, मसूरी सभासद गीता कुमांई, पंकज खत्री, कैंट बोर्ड लंढ़ौर के पूर्व उपाध्यक्ष महेश चन्द्र, सामाजिक कार्यकर्ता मेघ सिंह कण्डारी, उक्रांद संरक्षक त्रिवेन्द्र पंवार, उक्रांद के युवा प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र बिष्ट, दीपक नेगी, अभिषेक भण्डारी, पुष्पा नेगी, रघुवीर कठैत, अनिल रावत, बृजेश भट्ट, हरीश कुकरेजा, सोबन सिंह पंवार, नितिन उनियाल ने भी विचार रखे।

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