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हरक-प्रीतम की मुलाकात से गर्माई राज्य की सियासत

देहरादून। प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच एक-दूसरे दलों के नेताओं और विधायकों को तोड़ने की होड़ के बीच मंगलवार को एक बार फिर सियासत गर्मा गई। कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत से मिलने उनके आवास पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह पहुंचे। भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ की भी इस दौरान मौजूदगी ने सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाओं को हवा दे दी। बीते शनिवार के चार दिन बाद ही दूसरी बार यह संयोग देखने को मिला है। हालांकि कैबिनेट मंत्री डा रावत ने इस तरह की चर्चाओं को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उनसे मुलाकात की।
पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और नैनीताल से विधायक रहे उनके पुत्र संजीव आर्य ने बीते दिनों भाजपा छोड़ कांग्रेस में वापसी की थी। इसके बाद से ही कांग्रेस की पिछली हरीश रावत से बगावत कर भाजपा का दामन थामने वाले विधायकों व नेताओं की घर वापसी को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। इस बीच मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत से मिलने उनके आवास पहुंचे। भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ भी डा रावत के आवास पहुंचे। हरक व काऊ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं। प्रीतम सिंह के साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी भी मौजूद थे। इस मुलाकात के सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। दरअसल बीते शनिवार को भी इसी तरह प्रदेश का सियासी माहौल गर्मा गया था। देहरादून से दिल्ली जा रही फ्लाइट में कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत और विधायक उमेश शर्मा काऊ साथ थे। इसी फ्लाइट में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की मौजूद रहे। इस संयोग को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। बाद में डा रावत और काऊ ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने के बाद इस तरह की चर्चाओं पर विराम लग गया था। मंगलवार को भी इस वाकये के बाद डा हरक सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत में स्थिति स्पष्ट की। साथ ही इस तरह की चर्चा पर आश्चर्य भी जताया। उन्होंने कहा कि वह किसी पार्टी विशेष के मंत्री नहीं, बल्कि कैबिनेट मंत्री हैं। विपक्ष के लोग अपनी समस्याओं को लेकर उनसे मुलाकात करने आते हैं। ऐसी मुलाकात स्वस्थ राजनीति का परिचायक हैं। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उनसे मुलाकात करने आए थे। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद की शपथ के बाद वह केवल पार्टी के लिए नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश व देश के लिए जवाबदेह हैं। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सिद्धांतों पर चल रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जहां तक दलबदल का सवाल है तो नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी भाजपा में आ सकते हैं। उधर, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र के जलविद्युत परियोजना से प्रभावित लोहारी गांव के व्यक्तियों की समस्याओं को लेकर ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत से मिले थे। उन्होंने ग्रामीणों के विस्थापन के बदले उन्हें जमीन देने या पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से भी इस संबंध में मुलाकात कर ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन कार्यवाही नहीं हुई।

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