रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर किया जाएगा सुधारीकरण
समाचार इंडिया/रुद्रप्रयाग। केदारनाथ व केदारघाटी को जोड़ने वाले रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर 24 भूस्खलन व भूधंसाव जोन का स्लोप तकनीक से सुधारीकरण किया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड, लोनिवि ने इस कार्य के लिए भारत सरकार को 54 करोड़ की डीपीआर भेज दी है। 76 किमी लंबे रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग को केदारनाथ आपदा में व्यापक नुकसान पहुंचा था। राष्ट्रीय राजमार्ग का काफी बड़ा हिस्सा कई जगहों पर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था। साथ ही कुंड से सेमी-भैंसारी तक पांच किमी हिस्सा भधंसाव की चपेट में आ गया था। जिस कारण यहां आज भी स्थिति काफी दयनीय है। इस समस्या के चलते बरसाती सीजन में हाईवे आए दिन इन स्थानों पर कई घंंटे बाधित रहता है। साथ ही केदारनाथ सहित द्वितीय केदार मद्ममहेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ की यात्रा भी प्रभावित होती है। लेकिन अब, राष्ट्रीय राजमार्ग के भूस्खलन व भूधंसाव जोन का स्थायी सुधरीकरण किया जाएगा। एनएच ने पूर्व में टीएचडीसी की मदद से 76 किमी लंबे हाईवे पर 24 भूस्खलन व भूधंसाव जोन चिह्नित किए थे, जिनका अब स्लोप तकनीक से स्थायी ट्रीटमेंट किया जाएगा। इन स्थानों पर धंसती पहाड़ियों को रोकने के लिए रॉक एंकरिंग और शार्टकिट की जाएगी, जिससे मिट्टी की परत मजबूत होगी। प्रारंभिक चरण में जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से पांच किमी दूरी पर स्थित मेदनपुर भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा कालाढुंगी प्रथम व द्वितीय, रामपुर, कुंड भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट दूसरे चरण में किया जाएगा। राजमार्ग पर एनएच द्वारा बांजबगड़, विद्याधाम, देवीधार समेत कुल 24 छोटे-बड़े भूस्खलन व भूधंसाव जोन का चरणबद्ध ट्रीटमेंट किया जाएगा। इस संबंध में एनएच के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने बताया कि रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर चिह्नित 24 भूस्खलन व भूधंसाव जोन में से मेदनपुर भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट शुरू कर दिया गया है। इस कार्य को पूरा करने में लगभग एक वर्ष का समय लगेगा। साथ ही अन्य चिह्नित स्थानों पर भी चरणबद्ध कार्य शुरू किया जाएगा। स्थायी ट्रीटमेंट के लिए भारत सरकार के सड़क एवं परिहवन मंत्रालय को 54 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार कर भेज दी गई है।