जितना जरूरत है उतना ही पानी का प्रयोग करें
उत्तरकाशी । आज विश्व जल दिवस के अवसर पर नौला फाउंडेशन के तत्वावधान में घनश्यामानंद सरस्वती विद्या मंदिर कॉलेज, लक्षेश्वर में जल चर्चा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने छात्रों को जल के महत्व, संरक्षण व जल गुणवत्ता समेत कई जानकारियों से परिचित कराया। इस दौरान संगोष्ठी, पेंटिंग निबंध , जल प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय आवर तृतीय आने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि समय के साथ आबादी में वृद्धि, अनियोजित नदियों के तटों पर बढ़ता शहरीकरण और औद्योगीकरण के वज़ह से गंगा सहित तमाम नदियों का जल प्रदूषित हो गया और पानी पीने लायक नहीं रहा गया है। कृषि में अंधाधुंध रसायनिक खादों व कीटनाशकों के उपयोग के कारण भी गंगा एवं इसकी सहायक नदियों में प्रदूषक तत्त्वों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। नौला फाउंडेशन एक समुदाय आधारित गैर-लाभकारी संस्था है जो पहाड़ पानी परम्परा के प्रतीक नौले धारों जल स्रोतों की उत्तराखंड में जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसमें जल आंदोलन के प्रमुख घटक के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार शामिल है। अपने पानी का सतत प्रबंधन करके, हम अपने भोजन और ऊर्जा के उत्पादन को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और सभ्य कार्य और आर्थिक विकास में योगदान करने में भी सक्षम हैं। यदि मनुष्य चाहता है कि भविष्य में वह पानी की एक बूंद के लिए ना तरसे तो अभी से ही उसे पानी के उपयोग पर कटौती करना पड़ेगा अर्थात जितना पानी की जरूरत है उतना ही प्रयोग करें। इसके अतिरिक्त ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए ताकि सही समय पर सही मात्रा में बारिश हो और पीने लायक पानी धरती को प्राप्त हो सके।