पौड़ी गढ़वाल में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस प्रारंभ हुई
समाचार इंडिया/देहरादून। 21 फरवरी को महाराजा अग्रसेन हिमालय गढ़वाल विश्वविद्यालय ब्लॉक पोखरा पौड़ी गढ़वाल में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस प्रारंभ हुई। इस कांफ्रेंस का उद्देश्य “विकसित भारत 2047 नेवीगेशन होरिजोंस इन हायर एजुकेशन एक्सीलेंस” पर परिचर्चा का उद्देश्य था। इस कांफ्रेंस में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति प्रोफेसर डॉ. सतपाल सिंह बिष्ट ने उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। कार्यक्रम के प्रारंभ में संयोजिका का प्रो. पूनम ऋषिवर, डीन फार्मेसी ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शिव कुमार गुप्ता ने सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी। महाराज अग्रसेन हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन के सिंहा ने विश्व इतिहास के परिपेक्ष में नई शिक्षा नीति की प्रासंगिकता और विकसित भारत 2047 में भूमिका पर अपना भाषण दिया। मुख्य अतिथि के उदघोषण में डाक्टर बिष्ट ने समस्त प्रतिभागियों को विकसित भारत बनाने के मंत्र दिए। प्रो. बिष्ट ने अपने अंतरराष्ट्रीय अनुभवों के आधार पर बताया कि विकास की शुरूआत स्वयं से होती है कोई अन्य व्यक्ति किसी और का विकास नहीं कर सकता और यदि व्यक्ति खुश रहने के उद्देश्य से कार्य प्रारंभ करता है तो देखा देखी अन्य भी उसका अनुसरण कर देश के विकास में अपनी अपनी भूमिका का निर्वहन करते हैं सभागार में उपस्थित भारी संख्या में प्रतिभागियों ने प्रोफेसर बिष्ट के वक्तव्य की प्रशंसा एवं साधुवाद दिया। इस अवसर पर डॉक्टर महेंद्र राणा डीन बायोमेडिकल साइंस एवम परीक्षा नियंत्रक कुमाऊं विश्वविद्यालय विशिष्ट अतिथि थे। उन्होंने अपने उदबोधन में नई शिक्षा नीति उत्तराखंड को विकसित करने में भारतीय दर्शन, स्थानीय पादपो का संरक्षण एवं खेती की संभावनाओं पर अपने विचार प्रकट किए। दुबई से नम्रता प्रसाद, वॉशिंगटन (डीसी) से डॉक्टर दया शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने विचार रखें। द्वितीय दिवस में प्रतिभागियों ने अलग-अलग सभागारों में अपने शोध कार्य के माध्यम से विकसित भारत पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर मिशिगन, अमेरिका से डॉ लावण्य ऋषिवर ने भारत और अमेरिका की शिक्षा पद्धति और जरूरी बदलाव की आवश्यकता के बारे में विस्तार से चर्चा की। समापन सत्र में इस समारोह के मुख्य अतिथि डॉक्टर जीडी शर्मा ने भारतीय सभ्यता और विरासत की प्रचुरता पर प्रकाश डालते हुए सभी से भारत को पुनः विकसित करने का मार्ग बताया। इस अवसर पर कुलपति डॉ. संजय दास, प्रो. पी के डे कुलसचिव, संयोजन सचिव डॉ. कोविद कुमार तथा डॉ घनश्याम मिश्रा, समस्त संकायाध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक एस पी दीक्षित, शैक्षणिक स्टाफ तथा भारी संख्या में प्रतिभागी एवं छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर कोविद कुमार ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ धनश्याम मिश्रा ने किया।