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योग विज्ञान विभाग में हुआ कार्यशाला का आयोजन

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समाचार इंडिया/देहरादून। योग विज्ञान विभाग चम्पावत परिसर में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उदघाटन योग विज्ञान विभाग सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष व चम्पावत परिसर के नोडल अधिकारी डॉ नवीन भट्ट,उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के योग विभागाध्यक्ष डॉ भानु प्रकाश जोशी, डॉ रविशंकर जोशी ने सरस्वती माँ के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष व नोडल अधिकारी चम्पावत परिसर डॉ नवीन भट्ट ने कहा कि चम्पावत आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र है। अनेकों योगियों ने चम्पावत के आस पास के स्थान को साधना के केंद्र के रूप में चुना है। चम्पावत में विश्वविद्यालय का परिसर बनाना मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का ऐतिहासिक निर्णय था।उनके प्रयासों से चम्पावत परिसर में योग विज्ञान विभाग की स्थापना हो सकी। योग के द्ववारा शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व आध्यात्मिक क्रांति का सूत्रपात होता है।चम्पावत लोक देवता गोलू की जन्म स्थली होने के साथ स्वामी विवेकानन्द,हठयोग परंपरा के संवाहक गुरु गोरखनाथ की भी साधना स्थली रही है। चम्पावत योग साधना पद्धतियों के लिए उपयुक्त स्थान है। डॉ नवीन भट्ट ने कहा कि आने वाले समय में चम्पावत परिसर योग के दुनिया के सर्वोत्कृष्ट योग केंद्र के रूप में स्थापित होगा।डॉ भट्ट ने कहा कि कुलपति द्वारा चम्पावत परिसर को आदर्श केंद् के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। नोडल अधिकारी डॉ नवीन भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के प्रयासों से चम्पावत परिसर में प्रथम बार मे ही आठ से अधिक पाठ्यक्रम संचालित हो रहे है।जिनमे अध्ययन करने के लिए उत्तराखंड राज्य के अतिरिक्त दिल्ली, नोयडा, मुरादाबाद, बदायूं, बरेली, बिजनोर राजस्थान,सहित अनेकों राज्यों से विद्यार्थी अध्धयन करने आ रहे है। मुख्य वक्ता डॉ भानु प्रकाश जोशी ने कहा कि चम्पावत परिसर में योग जैसे महत्वपूर्ण विषय का खुलना अपने आप मे बहुत बड़ी उपलब्धि है। आने वाले समय मे योग जैसी पद्धतियों से सीमांत के लोग लाभान्वित होंगे। डॉ जोशी ने बताया कि योग कोई सामान्य शब्द नही है। योग द्वारा सम्पूर्ण व्यक्तित्व में परिवर्तन लाया जा सकता है। योग प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकता है। डॉ भानु जोशी ने कहा कि योग से खुद के साथ साथ समाज का भी कल्याण कर सकते है। डॉ रविशंकर जोशी ने सभी वक्ताओं का आभार व्यक्त किया।

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