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“भारत ज्ञान समागम” का आयोजन हुआ

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समाचार इंडिया/देहरादून। यूनिवर्सिटी रूड़की में “भारत ज्ञान समागम” का आयोजन हुआ। यह समागम शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसमें देश भर के 22 राज्यों के 50 से अधिक कुलपतियों और 500 से अधिक विद्यालयों के प्राचार्यों ने भाग लिया। समागम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, तथा विशिष्ठ अतिथि शिव खेड़ा थे। इस कार्यक्रम में शिक्षा के नये आयामों पर मंथन हुआ, जिसमें विशेषज्ञों ने नई शिक्षा नीति में मल्टीडिसिप्लिनरी रेगुलेशन, इनोवेशन, टेक्नोलॉजी और एंटरप्रेन्योरशिप को शिक्षा में शामिल करने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह पहली बार है जब कोई निजी विश्वविद्यालय इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया है। समागम में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और एक्सेमप्लेरी अवार्ड से सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक डॉ. गेसू ठाकुर और डॉ. मनीष कुमार माथुर ने बताया कि इस समागम का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में विचारों का आदान-प्रदान करना और शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए नई रणनीतियां विकसित करना था। बहुप्रतीक्षित शिक्षा शिखर सम्मेलन एक भव्य उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ। मुख्य अतिथि राज्यपाल गुरमीत सिंह ने प्रेरणादायक भाषण दिया, जिसमें शिक्षा में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस समागम का उद्देश्य माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा की समीक्षा करना है। इसके अलावा इस समागम का उद्देश्य यह भी है कि किस प्रकार शिक्षा को रोजगार पर बनाया जाए और ताकि स्कूलों और विश्वविद्यालय से निकलने वाले छात्र राष्ट्र की उन्नति में योगदान दे सके । उन्होंने कहा कि यहां से निकलने वाले विचारों से यह तय होगा कि किस प्रकार हम भारत के उस संकल्प को पूरा करें जिसमें 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने तथा भारत को उन्हें विश्व गुरु का दर्जा दिलाने का संकल्प किया गया है इसको लेकर भी यहां आए विद्वानों द्वारा किए जाने वाले विचार विमर्श से निकलने वाले निष्कर्ष का प्रभाव इस संकल्प पर पड़ेगा। पैनल चर्चाओं के दौरान उच्च शिक्षा में नवाचार और उद्यमिता पर विचार-विमर्श हुआ। विशेषज्ञों ने भविष्य के नौकरी रचनाकारों को तैयार करने में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। समागम में भारतीय शिक्षा प्रणाली के दृष्टिकोण और समावेशिता पर चर्चा हुई। पैनल चर्चा में शिक्षा में कमियों को पाटने और सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करने पर विचार-विमर्श किया गया। इस चर्चा में सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए परिवर्तनकारी शिक्षा पर चर्चा हुई। उद्योग सत्र में प्रायोजकों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। भारत को 2047 की ओर आगे बढ़ाने में शिक्षा की भूमिका पर विचार-विमर्श हुआ। पाठ्यक्रम में बदलाव, अनुसंधान फोकस और सहयोगात्मक भागीदारी पर ध्यान दिया गया। कोर यूनिवर्सिटी के चांसलर जेसी जैन ने कहा, “सम्मेलन का उद्देश्य विचारों को साझा करना और शिक्षा के लिए बेहतर तरीके तैयार करना था। विशेषज्ञों ने नई शिक्षा योजना में विभिन्न क्षेत्रों के संयोजन, नवाचार, प्रौद्योगिकी और व्यवसाय शुरू करने जैसे नए पहलुओं के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि इस समागम में भारत सहित विभिन्न राष्ट्रों के 500 से भी अधिक विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्य एवं वाइस चांसलर शामिल हुए। सम्मेलन में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले शिक्षकों को लाइफटाइम अचीवमेंट और अनुकरणीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।”

 

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