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नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक हुआ पारित

समाचार इंडिया। देहरादून। बहु चर्चित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक उत्तराखंड-2024 और राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी सेवाओं में दस फीसद आरक्षण विधेयक-2024 बुधवार को विधानसभा से ध्वनिमत से पारित होने के साथ ही विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई। यूसीसी पर दो दिन की मैराथन चर्चा हुई। सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए। इस तरह से अब उत्तराखंड विधानसभा आजाद भारत के इतिहास में समान नागरिक संहिता विधेयक पारित करने वाली पहली विधानसभा बन गई है। आंदोलनकारी आरक्षण विधेयक पर कोई चर्चा नहीं हुई। विपक्षी कांग्रेस ने यूसीसी पर सवाल उठाते हुए उसे प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी जो कि खारिज हो गई। बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 विधानसभा में पेश किया था। अब अन्य सभी कानूनी प्रक्रियाएं व औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा। विधेयक में सभी धर्मो-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान है। महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है। हालांकि अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है। दोनो विधेयक पारित होने के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई प्रस्ताव भी ध्वनिमत से पारित किया गया। माना जा रहा है किसमान नागरिक संहिता विधेयक के कानून बनने पर समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर रोक लगेगी, लेकिन किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे। बाल और महिला अधिकारों की यह कानून सुरक्षा करेगा।

 

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