उत्तरायणी मेले का हुआ समापन
समाचार इंडिया/बागेश्वर। बागेश्वर में चल रहे उत्तरायणी मेले का रंगारंग समापन हो गया है। आयोजकों ने पुरस्कार वितरण के साथ अलगे साल मिलने का वादा किया। मुख्य अतिथि गरुड़ की ब्लॉक प्रमुख हेमा बिष्ट ने कहा कि संस्कृति के संवर्द्धन में उत्तरायणी मेला मील का पत्थर साबित हो रहा है। उन्होंने लोगों से अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए आने आने की अपील की। नुमाईशखेत मैदान में आयोजित कार्यक्रम में बिष्ट ने कहा कि उत्तरायणी मेले की पहचान पूरे विश्व में है। देश के कोने-कोने में यह मेला आयोजित होने लगा है। लखनऊ में यहां से दिव्य ज्योति जाती है। उसके बाद मेला शुरू होता है। दिल्ली, बरेली, खटीमा आदि क्षेत्र में यह मेला होता है। विदेश में रह रहे उत्तरखंडी भी उत्तरायणी मेले का इंतजार करते है। आज सोशल मीडिया व अन्य मीडिया के माध्यम से वह इस मेले को देख रहे हैं। विशिष्ट अतिथि जिलाध्यक्ष भाजपा इंद्र सिंह फर्स्वाण ने कहा कि सरकार भी मेले को आगे बढ़ाने के लिए दिन-रात कार्य कर रही है। बागेश्वर मेला राजनैतिक, धार्मिक व व्यापार से जुड़ा मेला है। धारचूला से लेकर देहरादून तक के व्यापारी यहां आते हैं। इसके बाद ऐपण, मेहंदी, कुमाउं व्यंजन, परिधान प्रतियोगिता, वॉलीबाल, कबड्डी तथा अन्य प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया। मेले में सहयोग देने वाली संस्थाओं के अलावा बेहतर कार्य करने वालों को भी सम्मानित किया गया।
उद्यान विभाग का स्टॉल दूसरी बार अव्वल
उत्तरायणी मेले के दौरान विभिन्न विभागों के स्टॉल लगे थे। इसके कृषि, उद्यान, वन विभाग, उद्योग, स्वास्थ्य, उरेडा, पशुपालन, उद्यान आदि विभाग शामिल थे। निर्णायक मंडल ने उद्यान विभाग के स्टॉल को प्रथम स्थान दिया। गत वर्ष भी यही विभाग अव्वल रहा था।
बेहतर सफाई करने पर सफाई निरीक्षक सम्मनित
उत्तरायणी मेले में बेहतर सफाई व्यवस्था करने पर सफाई निरीक्षक राजबीर को सम्मानित किया गया। आयोजकों ने कहा कि इस बार मेले अतिरिक्त पर्यावरण मित्रों की व्यवस्था की गई थी। इस कारण सात दिन तक मेलास्थल में बेहतर सफाई हुई।