महिलाओं को सशक्त बनाना अमृता विश्वविद्यापीठम मुख्य उद्देश्य
प्रधान संगठन संरक्षक सन्दीप पुष्वाण ने कहा कि व्यापक कार्यक्रम में प्रशिक्षण के बाद की निगरानी और व्यवसाय विकास सहायता भी शामिल है, जो प्रतिभागियों को अपनी मधुशालाओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और अपने व्यवसाय को बनाए रखने में सक्षम बनाती है। माता अमृतानन्दमाई माई मठ के प्रमोद ने बताया कि मधुमक्खी पालन व्यवसाय उत्तराखंड के तीन गांवों नाला, भीरी और गिरिया में किया जा रहा है! उन्होंने बताया कि अमृता विश्व विद्यापीठम ने मधुमक्खी पालन में व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (वीईटी) प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका रहा है तथा शुरुआत प्रतिभागियों को मधुमक्खी पालन केंद्रों की स्थापना और संयोजन पर निर्देश देने से हुई। वीईटी मॉडल ने परिवर्तनकारी सीखने के अनुभव के माध्यम से प्रतिभागियों को सशक्त बनाने, सॉफ्ट स्किल, वित्तीय साक्षरता, संसाधन प्रबंधन, नेतृत्व और उद्यमिता विकास सहित आवश्यक जीवन कौशल प्रशिक्षण को एकीकृत करने पर जोर दिया। अरूण बुटोला ने बताया कि प्रशिक्षण में मधुमक्खी पालन की पूरी प्रक्रिया को शामिल किया गया, जिसमें मधुमक्खी पालन गृह की स्थापना और मधुमक्खी पालन की तकनीकें भी शामिल है तथा प्रत्येक प्रतिभागी को प्रशिक्षण के दौरान एक-एक बॉक्स प्राप्त हुआ, जिससे व्यावहारिक सीखने और स्वामित्व की भावना को बढ़ावा मिला।
कार्यक्रम का समापन व्यापक मूल्यांकन के साथ हुआ, और सफल समापन पर, प्रत्येक छात्र को अतिरिक्त दो हाइव्स प्राप्त हुए। इस मौके पर वन पंचायत सरपंच पवन राणा , खण्ड विकास अधिकारी सूर्य प्रकाश शाह, सहाय खण्ड विकास अधिकारी जंगी लाल, मनोज कोठारी, विनोद रावत, अंजना नौटियाल, देवकी देवी , सरस्वती देवी, पिंकी देवी, गीता देवी अम्बिका देवी , मनीषा देवी मौजूद रहे।
- ऊखीमठ से लक्ष्मण सिंह नेगी।