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टिहरी के इन गांवों में स्कूल के लिए छात्रों को तय करनी पड़ती है 10 किमी की दूरी

समाचार इंडिया। टिहरी। प्रताप नगर प्रखंड के दूरस्थ गांव रेका के बेजाभागी ,किमखेत और मुखमाल गाँव के चाका को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग को लेकरजिला कांग्रेस कमेटी टिहरी  के अध्यक्ष राकेश राणा ने  जिलाधिकारी मयूर दीक्षित से मुलाकात कर उन्हें मांग पत्र सौंपा।  उन्होंने कहा कि टिहरी जनपद के प्रताप नगर ब्लॉक के पट्टी उपली रमोली का रेका गांव जनपद का सबसे दूर का गांव है और उसके दो उप ग्राम रेका गांव से 8 से 10 किलोमीटर की दूरी पर है, ग्रामीणों को हर छोटे-बड़े काम के लिए रेका गांव आना जाना पड़ता है, जिस कारण ग्रामीणों का समय खराब होने के साथ ही कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि बेजाभागी किमखेत में लगभग 50 परिवार रहते हैं जिनकी आबादी लगभग 300 के पार है। ये ग्रामीण विगत पांच दशक से पशुपालन और खेती-बाड़ी करके अपनी आजीविका चला रहे हैं। राणा ने बताया कि  वहां पर   सिर्फ प्राइमरी स्कूल होने के चलते बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए 10 किलोमीटर दूर पैदल  उत्तरकाशी जिले के क्यारी भगवानपुर पट्टी दिचली गमरी जाना पड़ता है,  वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत मुखमाल गांव की आबादी लगभग 1500 के आसपास है, लेकिन कोई सुविधाएं जप्लब्ध न होने से इन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।  उप गांव चाका नामित तोक में विगत 7 दशक से लगभग 60 परिवार निवास करते हैं जिनकी आबादी लगभग ढाई सौ से तीन सौ के बीच है। इन्हें भी अपने कार्यों के लिए मुखमाल गाँव आने जाने में लगभग 5 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। यहां पर भी बेसिक स्कूल होने से बच्चों को माध्यमिक शिक्षा  के लिए 5 किलोमीटर की दूरी तय कर उत्तरकाशी जिले के राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज धोन्त्री जाना पड़ता है और या तो 5 किलोमीटर की दूरी पर मुखमाल गांव 7 किलोमीटर की दूरी पर गरवान गांव जाना पड़ता है। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए
सभी गांवों को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग की है। जिलाधिकारी ने उक्त मांग पत्र पर विचार कर संबंधित विभाग को जांच आख्या प्रस्तुत करने निर्देश दिये हैं।

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