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भाइयों की कलाइयों पर बहनों ने बांधा रक्षा सूत्र

समाचार इंडिया। देहरादून। भाई बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है।30 अगस्त को भद्रा नक्षत्र होने के चलते मुख्य रूप से रक्षाबंधन  31 अगस्त को मनाया जा रहा है। सुबह 7 बजकर 6 मिनट तक उदय तिथि रहेगी,  उदय तिथि के चलते पूरे दिनभर बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेगी। हर साल देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार  धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधती और उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं भाई बहन को उपहार देकर उसकी रक्षा करने का संकल्प लेता है। रक्षाबंधन को लेकर बहनों में इस बार खासा उत्साह है। बाजार इस बार रंग बिरंगी राखियों से सजी रही। देहरादून  में हर गली मोहल्लों के साथ ही शहर के बड़े बाजार की दुकानें और स्टॉल राखियों,उपहारों और मिठाइयों से सजी रही।प्रेमनगर, बालावाला, मियांवाला, घण्टाघर, धामावाला, झंडा बजार,रायपुर समेत कई अन्य बाजारों में भारी भीड़ उमड़ी और बहनों ने भाइयों के लिए  देर रात तक जमकर राखियों की खरीदारी की। वहीं भाई भी बहनों के लिए उपहार खरीदते नजर आए। रक्षाबंधन बनाने के पीछे एक पौराणिक धार्मिक कथा है। कथा के अनुसार, एक बार राजा बलि ने अश्वमेघ यज्ञ करवाया था, तब उस समय भगवान विष्णु ने वामन का रुप धारण किया और राजा बलि से 3 पग भूमि दान में मांगी। राजा बलि इसके लिए तैयार हो गए और वामन रुपधारी भगवान विष्णु ने धरती और आकाश को अपने दो पगों से नाप दिया। इसके बाद उनका विशाल रुप देखकर राजा बलि ने अपने सिर को उनके चरणों में रख दिया, फिर, बलि ने भगवान से वरदान मांगा कि मैं सोते-जागते उठते-बैठते आपको देखना चाहता हूं। भगवान बिष्णु ने उन्हें ये वरदान दे दिया और बलि के साथ रहने लगे। जिसके बाद माता लक्ष्मी परेशान हो गईं और नारद मुनि को सारी बात बताई। नारद जी ने कहा, कि आप राजा बलि को अपना भाई बनाकर भगवान विष्णु के बारे में पूछिए।  इसके बाद माता लक्ष्मी राजा बलि के पास  रोते हुए पहुंची।  राजा ने रोने का कारण पूछा और कहा, मुझे बताइए मैं आपका भाई हूं। ये सुनकर माता लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी और भगवान विष्णु को मुक्त करने का वचन ले लिया। कहा जाता है तभी से रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है।

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