योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को मिले इसके लिए मानिटरिंग हों : पांडे
समाचार इंडिया। भीमताल । मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सचिव लोनिवि, औद्यौगिक विकास (खनन) आयुष एवं आयुष विभाग डा पंकज कुमार पाण्डे ने दो दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान आज विकास भवन भीमताल में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा वाहृय सहायतित कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा बैठक की। डा पाण्डे ने समीक्षा के दौरान कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जो भी योजनायें जनहित के लिए संचालित की जा रही हैं उन योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को मिले इसके लिए मानिटरिंग भी जरूरी है। उन्होंने कहा प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए बनाई गई विभिन्न दीर्घकालिक योजनाएं/कार्यक्रम/नीतियां को शामिल करना होगा। समीक्षा बैठक में सभी विभागाध्यक्षों द्वारा सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में विस्तृत रूप से समीक्षा की गई। पाण्डे समीक्षा के दौरान सभी विभागों द्वारा संचालित योजनाओं से रूबरू हुये तथा उन्होंने कहा कि योजनाओं के संचालन में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही है तो उन्हें अवगत करायें ताकि उन समस्याओं के निराकरण हेतु शासन स्तर पर वार्ता कर समाधान किया जा सके। जलजीवन मिशन की समीक्षा के दौरान नोडल अधिकारी जलजीवन मिशन/अधीक्षण अभियंता जलसंस्थान विशाल सक्सेना के द्वारा बताया गया कि जलजीवन मिशन के कार्य 70 प्रतिशत तक पूर्ण कर लिए गये है दिसम्बर 2024 तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएगें। कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान सचिव डा पाण्डे ने मुख्य कृषि अधिकारी को निर्देश दिये कि किसानों की फसल के नुकसान को रोकने हेतु बायो फैंसिंग लगाया जाए।लघु सिंचाई की समीक्षा के दौरान सचिव ने कहा कि जिन क्षेत्रो में सिंचाई के लिए पानी नहीं पहुंचता है उन क्षेत्रों का अधिकारी स्थलीय निरीक्षण व सर्वे कर योजनाओं पर धरातल पर उतारें। कहा कि जिन योजनाओं पर धनराशि व्यय हो रही है उन योजनाओं से लोगों को लाभ मिल रहा है या नहीं इसकी भी मानिटरिंग होनी जरूरी है। इसके पश्चात सचिव डा पाण्डे ने कुमाऊं मण्डल के एनएच, एनएचएआई एवं बीआरओ के अधिकारियों से समीक्षा की। उन्होंने कहा जिन सड़कों पर आवागमन अधिक होता है उन्हें प्राथमिकता के साथ सुधारीकरण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा सरकार द्वारा सड़क के लिए जिन किसानों की भूमि का अधिगृहण किया है उन्हें शीघ्र मुआवजा दिया जाए और जिन किसानों की मुआवजा धनराशि में व्यवधान हो रहा है उन मामलों में किसानों से वार्ता कर समस्याओं का समाधान किया जाए।