भाइयों को भोजपत्र से बनी राखियां बांधेगी बहनें
समाचार इंडिया। गोपेश्वर। हिमालय क्षेत्र में 4,500 मीटर की ऊँचाई पर उगने वाले भोजपत्र का उपयोग प्राचीन काल से ही ग्रंथों की रचना करने के लिए किया जाता रहा है। एक दिन पूर्व ही डाक विभाग ने प्राचीन विरासत को संजोए रखने के लिए डाक विभाग ने स्पेशल लिफाफा लांच किया था। इस बार रक्षाबंधन पर बहन दुलर्भ भोजपत्र और वैजयंती माला से बेहद आकर्षक और ईको फ्रेंडली खास राखियों से अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधेगी। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में चमोली की नीती और माणा घाटी के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा भोजपत्र पर लिखी बदरीनाथ की आरती की तारीफ की थी। प्रधानमंत्री के तारीफ के बाद अब महिलाओं ने भोजपत्र की आकर्षक राखियां बनाई हैं और भाई-बहनों के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन पर इस बार भाइयों की कलाई दुर्लभ भोजपत्र से बनी इन खास राखियों से सजेगी। चमोली में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने इस बार भोजपत्र से आकर्षक राखियां तैयार की है। समूह की महिलाएं कल यानि 24 अगस्त से सभी ब्लाकों में स्टॉल लगाकर भोजपत्र से निर्मित इन राखियों को बेचेगी। भोजपत्र के पौराणिक एवं धार्मिक महत्व को देखते हुए जिला प्रशासन ने समूह की महिलाओं को दुर्लभ भोजपत्र पर कैलीग्राफी का प्रशिक्षण दिया था। प्रशिक्षण के बाद महिलाओं ने भोजपत्र पर बद्रीनाथ की आरती, बद्री विशाल के श्लोक, भोजपत्र की माला और कई चित्र एवं लिखित सोविनियर तैयार किए थे, इससे महिलाएं अच्छी आजीविका अर्जित कर रही है। इसी कड़ी में जिला प्रशासन ने समूह की महिलाओं को रक्षाबंधन पर खास राखी तैयार करने के लिए प्रेरित किया गया। महिलाओं ने दुलर्भ भोजपत्र और वैजयंती माला से बेहद आकर्षक और ईको फ्रेंडली राखियां तैयार की गई है।