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सीवेज ट्रीटमेंट के कीचड़ से खाद बनाएं : त्रिपाठी

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समाचार इंडिया। चमोली। अपर जिलाधिकारी डॉ अभिषेक त्रिपाठी की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक हुई। जिसमें गंगा  और इसकी प्रमुख सहायक नदियों के पुनरुद्धार, संरक्षण, मरम्मत और पुनर्वास के लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित कार्यों की समीक्षा की गई। अपर जिलाधिकारी ने नमामि गंगे के अधिकारियों को जनपद में छुटे हुए प्रत्येक नगर निकायों में भी  सीवेज सिस्टम बनाने के लिए विस्तृत विश्लेषण करने और एसटीपी निर्माण के लिए शीघ्र प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपद में संचालित 16 एसटीपी में सीवेज ट्रीटमेंट के बाद बचे कीचड़ (स्लज) का इस्तेमाल खाद बनाने में किया जाए और एनजीओ या किसी संस्था के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जाए। नगर निकायों में डोर-टू-डोर कूडा क्लेक्शन व सोर्स सेग्रिगेशन पर विशेष फोकस किया जाए। पीपलकोटी, थराली गौचर के अलावा नंदानगर, गैरसैंण, पोखरी के लिए भी शीघ्र एसटीपी का प्रस्ताव तैयार किया जाए। सदस्य सचिव/प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे ने विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित कार्यो की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनपद में स्वीकृत 16 एसटीपी का कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसमें 28 नालों को जोड़ा गया है। इसमें बद्रीनाथ में 6, जोशीमठ में 05, गोपेश्वर में 07, नंदप्रयाग में 03 तथा कर्णप्रयाग में 07 गंदे नाले एसटीपी से जोडे गए है। पीपलकोटी, थराली, गौचर के लिए एसटीपी निर्माण हेतु नमामि गंगे द्वारा आगणन तैयार किया जा रहा है। पेयजल निगम द्वारा 12 एसटीपी जल संस्थान को हस्तगत कर दी गई है। नगर निकायों में सोर्स सेग्रीगेशन, डोर टू डोर कूडा कलेक्शन, नालों की नियमित सफाई और कूडे से खाद बनाने का काम किया जा रहा है। औद्योगिक आस्थान कालेश्वर में उद्योग इकाइयों को एसटीपी प्लांट से जोडा गया है। बैठक में डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे, ईई जल संस्थान अरुण गुप्ता, जिला पर्यटन अधिकारी एसएस राणा, पेयजल निगम कनिष्ट अभियंता निषा रावत, अधिशासी अधिकारी सुधीर कुमार आदि उपस्थित थे।

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