लम्पी वायरस की दस्तक से पशुपालकों की बढ़ी चिंता
समाचार इंडिया/नई टिहरी। निरीह पशुओं की जान लेने वाला लम्पी वायरस गर्मी के असर से ग्रामीण क्षेत्रों में एकबार फिर से पशुओं में तेजी से फैलने लगा है। लम्पी वायरस ने जहाँ पशु पालको की चिंता बढ़ा दीं है, तो वही पशु चिकित्सा विभाग की टीम भी वायरस से पशुओं को बचाने के लिए गॉंव गॉंव जाकर टीकाकरण कर रही है। टिहरी गढ़वाल के घनसाली क्षेत्र के विकासखंड भिलंगना के सीमांत गांव गंगी बढ़ रहे लम्पी वायरस की दस्तक से ग्रामीणों के माथे पर शिकन लादी है। गोवंश के लंपी की चपेट में आने की सूचना पर पशुपालन विभाग की टीम ने सीमांत गंगी में डेरा डाल दिया है और वायरस की रोकथाम के लिए पशुओं के टीकाकरण में जुटी हुई है। विधानसभा क्षेत्र घनसाली के कई गांवों में गोवंश में लंपी के मामले तेजी से सामने आने के बाद पशुपालन विभाग सतर्क हो गया हैं और क्षेत्र के हर गाँव मे जाकर पशुओं का टीकाकरण कर रही है। वही विभाग ने कर्मचारियों को टीकाकरण में तेजी लाने को कहा है। पशु विभाग की टीम ने गांव में पहुँचकर लम्पी वायरस से ग्रसित मवेशियों पर टीके लगाने के साथी पशुपालकों को दवाईयाँ दी गई,साथ ही अन्य पशुओं पर रोग न फैले इसलिए स्वास्थ्य पशुओं को भी टीके लगाये गये। पशुपालन विभाग के डॉक्टर डी एस मोरफा बताया कि गोवंश में लंपी की सूचना पर टीम क्षेत्रों में जाकर पशुओं का टीकाकरण करने में जुटी हुई है और जल्द ही पूरे क्षेत्र में पशुओं का टीकाकरण कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज को ‘गांठदार त्वचा रोग वायरस’ भी कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक पशु से दूसरे पशु को होती है। संक्रमित पशु को बुखार आना, वजन में कमी, आंखों से पानी, लार बहना, शरीर पर दाने निकलना, दूध कम देना, भूख न लगना, इसके मुख्य लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि पशुओं में अगर ये लक्षण दिखाई दे तो तुरंत विभाग से सम्पर्क करें ताकि सही समय पर पशुओं को इलाज मिल सके। उन्होंने पशुपालकों को सावधानी बरतने को भी कहा। उन्होंने कहा कि यह जानवरों से दूसरे जानवर में फैलने वाला रोग है। इसमें समय पर टीका व इलाज नहीं किया गया तो पशुओं की मौत भी हो जाती है। उन्होंने सभी ग्रामीण पशु पालकों से गोशालाओं में साफ, सफाई रखने के साथ ही मच्छर, मक्खियों को पशुओं से दूर करने के लिए हल्के धुवां करने को कहा।
सत्य प्रकाश डौंडियाल