केंद्रीय गविवि ने 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों को असंबद्ध किया
समाचार इंडिया। देहरादून। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने इस सत्र से अपने 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों को असंबद्ध (डिएफिलिएट) कर दिया है।विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में ये निर्णय लिया गया। कॉलेज के असंबद्ध होने के बावजूद पुराने छात्र अभी विवि का हिस्सा बने रहेंगे। सम्बद्धता समाप्त होने की जानकारी राज्य व केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को विवि ने पत्र से भेज दी है। कार्यकारी परिषद ने निर्णय लिया कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपने सभी संबद्ध और असंबद्ध कॉलेजों की सूचना वेबसाइट पर जारी करेगा। इन 10 कॉलेजों में जो छात्र पहले से पढ़ रहे हैं, वे विश्वविद्यालय से ही परीक्षाएं देकर डिग्री लेंगे। प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले गढ़वाल विवि में मान्य नहीं होंगे। गौरतलब है कि विवि ने इन 10 कॉलेजों को एक जुलाई 2012 से 30 जून 2023 तक संबद्धता दी हुई थी और लंबे समय से इन अशासकीय डिग्री कॉलेजों को केंद्रीय विवि असंबद्ध करने की कवायद चल रही थी। पिछले दिनों राज्य सरकार ने ये कहते हुए वेतन देने से मना कर दिया था कि केंद्रीय विवि के कॉलेजों को वह अनुदान नहीं देगा। मामले ने तूल पकड़ा था, इस पर हाईकोर्ट में भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने एक याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को निर्णय लेने को कहा था। दोनों ने इस मसले पर बातचीत की और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एक पत्र गढ़वाल विवि को भेजकर पूछा था कि इन कॉलेजों को कब से असंबद्ध कर सकते हैं। विवि ने प्रदेश के सबसे अधिक छात्र संख्या वाले देहरादून डीएवी पीजी कॉलेज समेत डीबीएस पीजी कॉलेज, देहरादून, एसजीआरआर पीजी कॉलेज, देहरादून,एमकेपी पीजी कॉलेज, देहरादून,डीडब्ल्यूटी कॉलेज, देहरादून, एमपीजी पीजी कॉलेज, मसूरी, महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज, सतीकुंड, कनखल, हरिद्वार, चिन्मय डिग्री कॉलेज, बीएचईएल, रानीपुर, हरिद्वार, बीएसएम कॉलेज, रुड़की, हरिद्वार, राठ महाविद्यालय, पैठाणी, पौड़ी को असंबद्ध कर दिया है। सर्वाधिक हरिद्वार जिले के कॉलेजों को असंबद्ध किया गया है।