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जिलाधिकारी ने टीकाकरण अभियान को प्रभावी तरीके से संचालित करने पर दिया जोर

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समाचार इंडिया/उत्तरकाशी। जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने जिले को खसरा-रूबेला से मुक्त करने के लिए बच्चों के टीकाकरण के अभियान को और अधिक प्रभावी तरीके से संचालित करने पर जोर देते हुए कहा कि इस अभियान में सभी संबंधित विभाग एकजुट हो कार्य करें तभी हमें बच्चों के प्रतिरक्षण के लक्ष्य को समयबद्ध तरीके से प्राप्त कर सकेंगे।खसरा-रूबेला टीकाकरण के संबंध में एनआईसी सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने खसरा-रूबेला बीमारी एवं इसके टीकाकरण के बारे में ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार कर जनजागरूकता बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि पॉंच वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे का टीकाकरण कार्ड चेक कर लक्ष्य समूह के सभी बच्चों का एम-आर टीकाकरण सुनिश्चित किया जाय। इस काम में स्वास्थ्य कर्मियों एवं आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों के साथ ही अन्य संबंधित विभागों के कार्मिकों को मिलजुल कर काम करना होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों में खसरा-रूबेला के लक्षण दिखने पर तत्काल सूचित हेतु प्रभावी तंत्र विकसित किया जाय। इस काम की मुख्य जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों को दी जाय। स्कूलों में नये प्रवेश के दौरान बच्चों के स्वास्थ्य कार्ड चैक् कर टीककरण की पुष्टि अवश्य कर ली जाय। बैठक में बताया गया कि बच्चों में रूबेला आमतौर पर हल्का होता है, जिन बच्चों में लक्षण होते हैं, उनके लिए आमतौर पर लाल चकत्ते पहला संकेत होते हैं। दाने आमतौर पर पहले चेहरे पर दिखाई देते हैं और फिर शरीर के बाकी हिस्सों में फैल जाते हैं, लगभग तीन दिन तक इसका प्रभाव रहता है। यह संक्रमण शुरुवाती दाने दिखने के 1 से 5 दिन पहले होने वाले अन्य लक्षणों में शामिल लक्षण जैसे सिर दर्द, हल्की गुलाबी आंख, सामान्य बेचैनी, सूजन और बढ़े हुए लिम्फ नोड्स, खाँसी एवं बहती नाक दिखाई देते है। ठीक इसी तरह खसरा केे लक्षण भी सिर दर्द,हल्की गुलाबी आंख,सामान्य बेचैनी, सूजन, खाँसी, बहती नाक आदी लक्षण दिखाई देते हैं।

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