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छह वर्षों से सुरक्षित, संरक्षित और सुंदर बनाई जा रही केदारपुरी

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समाचार इंडिया/रुद्रप्रयाग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ पुनर्निर्माण के तहत बीते छह वर्ष से केदारपुरी सुरक्षित, संरक्षित और सुंदर बनाई जा रही है। तीन चरणों में होने वाले पुनर्निर्माण के तहत इन दिनाें दूसरे चरण में भवन कार्य जोरों पर चल रहे हैं। अंतिम चरण में तीर्थ पुरोहितों के लिए मास्टर प्लान से आवासीय भवन बनाए जाने हैं, जिसके लिए प्रशासन द्वारा संबंधित लोगों के साथ अनुबंध प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 16/17 जून 2013 को आपदा से प्रभावित केदारनाथ को संवारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं मॉनीटरिंग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद वह पहली बार 3 मई 2017 को केदारनाथ पहुंचे थे। इसके बाद इसी वर्ष 20 अक्तूबर को पुन: केदारनाथ पहुंचे और केदारनाथ पुनर्निर्माण को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल किया। उन्होंने केदारनाथ पुनर्निर्माण के तहत लगभग 500 करोड़ की सात परियोजनाओं का शिलान्यास किया। पहले चरण में मंंदिर परिसर व मंदिर मार्ग का विस्तार, गोल चुबतरा का निर्माण, आदिगुरू शंकराचार्य समाधि स्थल का निर्माण किया गया। दूसरे चरण में केदारनाथ में यात्रा कंट्रोल एंड कमांड सेंटर, पुलिस थाना, धर्मशाला, प्रशासनिक भवन, वाटर एटीएम, बीकेटीसी भवन, रावल व पुजारी निवास सहित कुल 21 निर्माण कार्य हो रहे हैं, जिसमें 4 कार्य पूरे हो चुके हैं। शेष कार्य भी इसी यात्रा सीजन में पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है। जबकि तीसरे चरण में केदारनाथ में एकरूपता में तीर्थपुरोहितों के लिए दो से तीन मंजिला आवासीय भवन बनाए जाने हैं। मंदाकिनी नदी पर स्थित आस्था पथ पर हक-हकूकधारी व प्रभावित लोगों के लिए दुकानों का निर्माण किया जा रहा है। आने वाले समय में यात्राकाल में पूरा बाजार इन्हीं दुकानों में शिफ्ट किया जाएगा, जिससे यात्रा को व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। केदारनाथ स्थित एमआई-17 हेलिपैड पर हेलिकॉप्टरों की उड़ान के दबाव को कम करने के लिए बेस कैंप के समीप हेलिपोर्ट बनाया जाएगा। इस हेलिपोर्ट पर एक साथ छह से आठ हेलिकॉप्टर लैंड कर सकेंगे। साथ ही यहां यात्रियों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया हो सकेंगी। केदारनाथ यात्रा में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए धाम में 17 बेड का अस्पताल बन रहा है। आगामी समय में इस अस्पताल में प्राथमिक चिकित्सा की सभी सुविधाएं होने के साथ ही आपात चिकित्सा के लिए भी जरूरी इंतजाम होंगे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यहां चिकित्सा से जुड़े सभी जरूरी उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। केदारनाथ में दो किमी पहले मंदाकिनी नदी के दाई तरफ स्थित गरूड़चट्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तपस्थली रही है। अस्सी के दशक में मोदी ने यहां लगभग एक माह तक साधना की थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद अक्तूबर 2017 में मोदी जब पहली बार केदारनाथ पहुंचे थे, तो उन्होंने गरूड़चट्टी का उल्लेख किया था। बता दें कि जून 2013 की आपदा में पुराने पैदल मार्ग के ध्वस्त होने से गरूड्चट्टी का केदारनाथ से पूरी तरह से संपर्क कट गया था। गरूड़चट्टी को पुन: केदारनाथ से जोड़ने के लिए पुराने पैदल मार्ग के पुनर्निर्माण के लिए कार्रवाई भारत सरकार स्तर पर चल रही है। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी छह बार केदारनाथ पहुंच चुके हैं। वह, अभी तक 3 मई 2017, 20 अक्तूबर 2017, 7 नवंबर 2018, 18 मई 2019, 6 नवंबर 2021 और 21 अक्तूबर 2022 को केदारनाथ पहुंचे हैं। एमआई-26 व चिनूक भी बने पुनर्निर्माण में सहयोगी केदारनाथ पुननिर्माण में भारतीय सेना का एमआई-26 और चिनूक हेलिकॉप्टर भी सहयोग करते आ रहे हैं। जनवरी 2015 में पहली बार एमआई-26 हेलिकॉप्टर से पुनर्निर्माण सामग्री धाम पहुंचाई गई। वहीं, 2020 से चिनूक हेलिकॉप्टर से प्रतिवर्ष पुनर्निर्माण सामग्री धाम पहुंचाई जा रही है। इन दिनों भी चिनूक हेलिकॉप्टर द्वारा गौचर हवाई पट्टी से पुनर्निर्माण सामग्री केदारनाथ पहुंचाई जा रही है। केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्य समय पर पूरे किए जाएंगे, इसके लिए चिनूक से निर्माण सामग्री धाम पहुंचाई जा रही है। आने वाले दिनों में धाम में मजदूरों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। यात्रा के सफल संचालन के बीच पुनर्निर्माण कार्य भी गतिमान हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय से केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की मॉनीटरिंग की जा रही है।

 

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