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संस्कृति एवं परंपराओं की पहचान में लोक पर्वों की अहम भूमिका : धामी

समाचार इंडिया। गैरसैंण। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि बच्चों को लोक संस्कृति और लोक परंपराओं से जोड़ने के लिए फूलदेई को बालपर्व के रुप में संस्थागत तौर पर मनाया जायेगा । लोक पर्व फूलदेई के अवसर पर भराड़ीसैंण स्थित मुख्यमंत्री आवास में उन्होंने ये बात कही।  इस दौरान क्षेत्र के बच्चों ने पारम्परिक मांगल गीतों के साथ रंग-बिरंगे प्राकृतिक पुष्पों की वर्षा की। मुख्यमंत्री ने सभी को फूलदेई की शुभकामना देते हुए कहा कि किसी भी राज्य की संस्कृति एवं परंपराओं की पहचान में लोक पर्वों की अहम भूमिका होती है। हमें अपने लोक पर्वों एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने की दिशा में लागातार प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को अपनी लोक संस्कृति और लोक पंरपराओं से जोड़े रखने के लिए लोक पर्व फूलदेई को आने वाले समय में संस्थागत तरीके से बाल पर्व के रूप में वृहद स्तर पर प्रति वर्ष मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में मनाया जाने वाला लोकपर्व ‘फुलदेई’ हमारी संस्कृति को उजागर करता है साथ ही यह पर्व पहाड़ की परंपराओं को भी कायम रखे हुए है। वही  लोक पर्व फूलदेई के अवसर पर भराड़ीसैंण  विधानसभा भवन में बड़ी संख्या में क्षेत्र के बच्चों ने पारम्परिक मांगल गीतों के साथ रंग-बिरंगे प्राकृतिक पुष्पों की वर्षा की। बच्चों के साथ विधानसभा अध्यक्ष  ऋतु खण्डूड़ी, कैबिनेट मंत्री  सतपाल महाराज, डाॅ. धनसिंह रावत,  सौरभ बहुगुणा, डाॅ. प्रेम चन्द अग्रवाल, विधायक अनिल नौटियाल आदि ने बच्चों से भेंट कर अपनी लोक संस्कृति एवं लोक परम्पराओं से जुड़ने के लिए उनका उत्साह वर्धन किया। विधान सभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खण्डूड़ी ने कहा कि हमारे पर्व हमें प्रकृति से जुड़ने तथा उसके संरक्षण का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी लोक परम्पराओं एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोये रखने की जरूरत है।

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