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गांवों को बचाने के लिए खेतीबाड़ी को बचाना होगा

समाचार इंडिया। रुद्रप्रयाग। जखनोली जलागम विकास समिति के तहत ए टी आई के मार्गदर्शन में नाबार्ड(कृषि विकास बैंक) के सौजन्य से तीन दिवसीय शैक्षिक भ्रमण हुआ संपन्न , आत्म निर्भर एवम स्वरोजगार से आत्म संपन्न बनने के लिए बने योजना, उत्तराखंड को बचाना है तो कृषि को बचाना होगा फिर गांव अवश्य बचेगा । जखनोली जलागम जलवायु परिवर्तन परियोजना के तहत प्रगतिशील काश्तकारों एवम निदेशक मंडल के सदस्यों की टीम ने पौड़ी जिले के पोखड़ा, चौबटटाखाल ,कल्जीखाल ब्लाक का शैक्षिक भ्रमण करते हुए आत्म निर्भर काश्तकारों द्वारा की जा रही कृषि, पोल्ट्री फार्म, फिशरी प्लांटेशन, बकरी पालन, जड़ी, बूटी पालन समेत अनेक क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों का  निरीक्षण कर जानकारी प्राप्त की। जलवायु परिवर्तन परियोजना के तहत शैक्षिक भ्रमण में काश्तकारों ने जलवायु परिवर्तन की समस्या से कैसे निजात मिले पर भी चर्चा की। प्राकृतिक जल स्रोतों के सरक्षण,बृहद वृक्षारोपण पारंपरिक खेती समेत अनेक विषयों पर भी चिंतन किया जाना आवश्यक है। 87वर्षीय काश्तकार डॉ विद्यादत शर्मा ने 1967 से अपने मोतीबाग में निरंतर किए कामों के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि उत्तराखंड को बचाना है तो गांव बचाना होगा और यदि गांव को बचाना है तो कृषि को बचाना होगा । उन्होंने सुझाव भी रखे कि जरूरतमंद को जमीन मुहैया कराना होगी। भ्रमण दल में अध्यक्ष ओम प्रकाश बहुगुणा, सचिव अनसूया फरस्वान, कोषाध्यक्ष किशन रावत, कालिका प्रसाद भट्ट, फरशुराम भट्ट, सुरेंद्र चमोली, विनोद कंडारी, बलबीर मेखली, राकेश बिष्ट, त्रिलोक सिंह,शुरबीर राणा,संतोष थपलियाल सहित राकेश भट्ट मौजूद रहे।

 

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