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पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए निकाला कैंडल मार्च

समाचार इंडिया/देहरादून। नई दिल्ली के छावला नजफगढ़ क्षेत्र में उत्तराखंड की युवती से बलात्कार और हत्या के मामले में तीनों सजायाफ्ता आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिहा करने के दिए आदेश के खिलाफ पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने और हत्यारों को सजा देने की मांग को लेकर शुक्रवार को दिल्ली में विभिन्न संगठनों और राज्य आंदोलनकारियों ने कैंडल मार्च निकाला। कैंडल मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल हुए। जैसा की मालूम ही है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 के छावला रेप-मर्डर केस में तीनों दोषियों की मौत की सजा का फैसला पलटते हुए इनकी रिहाई का आदेश दिया है। जबकि इससे पूर्व दिल्ली की द्वारका अदालत ने इस मामले के तीनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे अपील में हाई कोर्ट ने भी यथावत रखा था। लेकिन दो न्यायालय से पास आउट हुआ यह फैसला जब सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने दोनों कोर्ट के फैसले के एक झटके में रद्द करते हुए आरोपियों को उनके जुर्म से बरी करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दे दिया था। उत्तराखंड मूल की युवती के हत्यारों को रिहा करने के आदेश के बाद से ही राज्य में आक्रोश की लहर दौड़ गई। पूरे प्रदेश में गुस्से के बीच दिल्ली स्थित उत्तराखंडियों ने आंदोलन की राह पकड़ रखी है। उत्तराखंड में जहां इस मामले में ज्ञापन दिए जा रहे हैं तो दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बाहर हुए प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को कैंडल मार्च निकाला गया। दुष्कर्म और हत्या का शिकार हुई उत्तराखंड की बेटी अनामिका के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए सरकार और दिल्ली पुलिस से सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच में दमदार अपील करने की मांग को लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में शुक्रवार शाम दिल्ली में गढ़वाल भवन से वीर चंद्र सिंह गढ़वाली चौक तक उत्तराखंड की प्रवासी संस्थाओं ने कैंडल मार्च निकाला और दिवंगत किरण नेगी के हत्यारों को जल्द से जल्द सजा दिए जाने की मांग की‌। इस मौके पर हरीश रावत में  कहा कि हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं, परंतु यह तो पता लगाना ही होगा कि आखिरी बेटी की हत्या किसने की किसने उसकी आबरू पर डाका डाला । उन्होंने  न्यायाधीशों से प्रार्थना कि वह जनता के दिल में बैठे दुख को देखें और जो अन्याय पूर्ण घटना हुई है उस कांड में लिप्त लोगों को सजा कैसा मिले इसको सुनिश्चित करें। कैंडिल मार्च में उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता और उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप, कांग्रेस के संयुक्त सचिव हरिपाल रावत, ,गंगोत्री संस्था के अध्यक्ष गंभीर सिंह नेगी, पर्वतीय सेल के अध्यक्ष गोपाल रावत, गढ़वाल हितैषी सभा के अध्यक्ष अजय बिष्ट, राज्य आंदोलनकारी अनिल पंत, प्रेमा धोनी, हीरो बिष्ट, लक्ष्मी ध्यानी, अनुषा देवरानी, शशि नेगी, किरण लखेडा, राधेश्याम ध्यानी, किशोर रावत , उत्तराखंड जर्नलिस्ट फोरम के अध्यक्ष सुनील नेगी समेत सैकडों लोग शामिल हुए। वही विगत दिनों हत्यारों को बरी करने से गुस्सायी उत्तराखण्ड की महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर धरना प्रदर्शन किया था।

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