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गंगा का दूषित होना मनुष्य के लिए खतरे का संकेत : डॉ सागर

समाचार  इंडिया/पौड़ी। नेहरू युवा केंद्र, पौड़ी (युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय) द्वारा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज श्रीनगर में दो दिवसीय गंगा दूतों का प्रशिक्षण गंगा स्वच्छता की शपथ के साथ संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में विकासखंड खिर्सू के 50 गंगा दूतों ने प्रतिभाग किया।
प्रधानाचार्या सुमनलता पंवार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि गंगा दूत पहले स्वयं अपने व्यवहार में परिवर्तन लाएं तभी पतित पावनी मां गंगा का संदेश आमजन तक पहुंच पाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के भौतिकी विभाग से आए डॉ आलोक सागर गौतम ने गंगा दूतों को जानकारी देते हुए बताया कि गंगा का दूषित होना मनुष्य के लिए खतरे का संकेत है। उन्होंने कहा कि सतोपंथ से निकलने वाली अलकनंदा का पानी अपने साथ खनिज लवण सहित असंख्य अमृत जैसे घरों को लेकर निकलता है लेकिन श्रीनगर तक पहुंचते-पहुंचते जिंदगी का मिश्रण हो जाता है, जिससे अनेक बीमारियां पैदा होती हैं। जिला युवा अधिकारी शैलेश भट्ट ने गंगा दूतों की भूमिका पर जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि गंगा मां अपने पहले के रूप में दिखे इसके लिए जनचेतना की आवश्यकता है व जनचेतना जगाने का यह कार्य गंगा दूतों द्वारा किया जाएगा। वहीं राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी डॉ0 सरिता उनियाल व डॉ लता पांडे द्वारा नमामि गंगे के माध्यम से नमामि गंगे संरक्षण की जानकारी साझा की। इस दौरान प्रशिक्षक योगम्बर पोली ने गीतो के माध्यम से गंगा संरक्षण की आवश्यकता पर युवाओं का ध्यान आकर्षित किया।

 

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