सामाजिक कार्यकर्ता विमल भाई का निधन
समाचार इंडिया/देहरादून।
विभिन्न जन आंदोलनों में देश भर में सक्रिय रहे जाने माने गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता प्रसिद्ध समाजसेवी, पर्यावरण विद, नदियों को बचाने के लिए जीवन भर संघर्ष करने वाले जुझारू नेता, राष्ट्रीय जनआंदोलनों के संगठन के राष्ट्रीय समन्वयक विमल भाई का दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह 60 वर्ष के थे। वह कुछ समय से अस्वस्थ थे और पांच दिन पूर्व उनको एम्स में भर्ती कराया गया था। उन्होंने उत्तराखण्ड में सामाजिक एवं जनसरोकार से जुड़े मुद्दों का नेतृव किया और उन्हें धार दी। उन्होंने टिहरी बांध विस्थापितों के लिए संघर्ष किया और उनकी लड़ाई में कंधा से कंधा मिलाकर उनका साथ दिया और सर्वोच्च न्यायालय तक सहयोग दिया। उन्होंने केदारनाथ आपदा के मामले को धार दिया और इस मामले को ग्रीन ट्रिब्यूनल में ले गए। उन्होंने “माटू” संगठन का निर्माण कर जनमुद्दों को उठाते रहे। वह जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय से भी जुड़े रहे। विमल भाई मेधा पाटकर, सुंदरलाल बहुगुणा, बी डी शर्मा, अरुणा राय और हर्ष मंदर जैसे समाज सेवियों के सहयोगी रहे और उनके साथ कई आंदोलन में सहभागिता निभाई।